सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ केरल में बंद के दौरान हिंसा
भाजपा कार्यकर्ताओं की सोसल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हुई। यह चरमपंथी इस्लामिक संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया की राजनीतिक शाखा है। अधिकतर सरकारी बसें सड़कों पर नहीं चली।
तिरूवनंतपुरम: केरल के सबरीमला मंदिर में रजस्वला उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश का गुरुवार को भगवा संगठनों ने जमकर विरोध किया जिस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जलते टायर आदि रखकर सड़कों को अवरुद्ध किया और झड़पों में तीन भाजपा कार्यकर्ता चाकू हमले में घायल हो गए। विभिन्न हिंदू संगठनों का प्रमुख संगठन, सबरीमला कर्म समिति और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद ने संयुक्त रूप से सुबह से शाम तक के इस हड़ताल का आह्वान किया है।
हड़ताल के दौरान सैकड़ों दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने वाहनों की आवाजाही बाधित कर दी, और सत्तारूढ़ माकपा की दुकानों और कार्यालयों में तोड़फोड़ की। राज्य में कई स्थानों पर पुलिस और सत्तारूढ़ माकपा कार्यकर्ताओं के साथ हड़ताल समर्थकों की भिड़ंत हुयी। पुलिस ने बताया कि त्रिसूर में भारतीय जनता पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं को झड़प के दौरान चाकू मार कर घायल कर दिया गया।
भाजपा कार्यकर्ताओं की सोसल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हुई। यह चरमपंथी इस्लामिक संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया की राजनीतिक शाखा है। अधिकतर सरकारी बसें सड़कों पर नहीं चली। इससे पहले बुधवार की हिंसा में ये बसें क्षतिग्रस्त हो गयी थी। इस हड़ताल के कारण बहुत कम संख्या में आटोरिक्शा भी सड़क पर दिखायी दिये। प्रदेश के पथनमथित्ता जिले के पंडालम में स्थित अपने कार्यालय की छतों से माकपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शनकारियों पर किये गए पथराव की घटना में घायल 55 वर्षीय व्यक्ति की बुधवार की रात मौत हो गयी।
हालांकि, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मीडिया को बताया कि उस व्यक्ति की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। उन्नीथन, सबरीमला कर्म समिति की ओर से बुधवार की शाम निकाले गए विरोध मार्च में शामिल थे जो माकपा कार्यकर्ताओं के हमले की जद में आ गए। पुलिस ने बताया कि हमले में शामिल नौ लोगों की पहचान कर ली गयी है और उनमें से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस बीच शीर्ष न्यायालय ने गुरुवार को सबरीमला मंदिर के अधिकारियों के खिलाफ दायर एक अवमानना याचिका पर त्वरित सुनवाई से इंकार कर दिया । इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि मंदिर के अधिकारियों ने दो महिलाओं के इसमें प्रवेश करने के बाद मंदिर को शुद्धिकरण के लिए बंद कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा कि अवमानना याचिका पर शीर्ष अदालत के उस फैसले के खिलाफ लंबित समीक्षा याचिकाओं के साथ सुनवाई की जाएगी जिसमें सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी है।
भारतीय युवा अधिवक्ता संगठन की ओर से पेश हुए अधिवक्ता पी वी दिनेश ने पीठ को बताया कि मंदिर अधिकारियों ने महिलाओं के प्रवेश के बाद शुद्धि के लिए बुधवार को मंदिर बंद कर दिया था, जो शीर्ष अदालत के फैसले का उल्लंघन है।
दूसरी ओर प्रदेश में हिंसा के लिए भाजपा और संघ के गठबंधन को दोषी ठहराने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री पी विजयन ने दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार किसी की भावनाओं के खिलाफ नहीं है लेकिन संविधान के प्रति निष्ठावान है। विजयन ने कहा, "हड़ताल समर्थकों ने हिंसा की स्पष्ट योजना बनाई थी। कल से ही राज्य में भारी हिंसा हुई है। जिन पर हमला हुआ है उनमें मीडियार्मियों, महिलाएं और पुलिस भी शामिल हैं।’’ उन्होंने बताया कि राज्य परिवहन निगम की 79 बसों में तोड़फोड़ की गई है और हिंसा में 31 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
विजयन ने कहा, "जिन पर हमला किया गया उनमें अधिकतर महिलायें हैं। संघ परिवार ने कई दुकानों को नुकसान पहुंचाया है। प्रदेश में माकपा और भाकपा के कार्यालयों पर में तोड़फोड़ की गई और उन पर हमला किया गया।" भाजपा और सबरीमला कर्म समिति का विरोध प्रदर्शन कोझीकोड, कन्नूर, मलप्पुरम, पलक्कड़ और तिरुवनंतपुरम में कई स्थानों पर हिंसक हो गया। पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों को तोड़ने के लिए लाठी चार्ज किया और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया।
पलक्कड़ में भाकपा कार्यालय पर और इसके सामने खड़े वाहनों पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। इन वाहनों में राज्य परिवहन निगम की बसें, ऑटो-रिक्शा और पुलिस वाहन भी शामिल थे जिन पर पथराव किया गया। आंदोलनकारियों ने कन्नूर जिले के थालास्सेरी में माकपा द्वारा प्रबंधित एक स्थानीय बीड़ी निर्माण इकाई में एक देसी बम फेंका लेकिन इसमें धमाका नहीं हुआ। पुलिस ने बताया कि लगभग 10 दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि एक और देसी बम नदुमंगडु पुलिस स्टेशन से लगभग 17 किमी दूर फेंका गया। कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा हमला किए जाने के बाद पत्रकारों ने राज्य की राजधानी में विरोध मार्च निकाला। राज्य के पुलिस प्रमुख लोक नाथ बेहरा ने कहा कि एक विशेष टीम मीडिया पर हमले की जांच करेगी।
राज्य की राजधानी में दुकानें और होटल बंद रहने के कारण आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। हालांकि, हड़ताल को धता बताते हुए, कुछ दुकानदारों ने पुलिस सुरक्षा के तहत कोच्चि और कोल्लम के कुछ स्थानों के अलावा, कोझीकोड में एक प्रमुख व्यापार केंद्र एसएम स्ट्रीट पर अपने प्रतिष्ठान खोले। प्रदेश के एर्णाकुलम और मलप्पुरम जिलों में माकपा के कार्यालय पर पथराव किया गया, जबकि पलक्कड़ में पार्टी की ओर से चलाये जा रहे एक पुस्तकालय में भी तोड़फोड़ की गई।
मुख्यमंत्री के काफिले के पायलट वाहन की चपेट में आने से युवा कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता उस वक्त घायल हो गए जब उन्होंने विजयन को काले झंडे दिखाने का प्रयास किया। सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ कांग्रेस 'काला दिवस' मना रही है । यह मंदिर भगवान अयप्पा का निवास स्थान है। कनकदुर्गा और बिंदू नामक दो महिलाओं ने भगवा संगठनों की चेतावनियों को दरकिनार करते हुए बुधवार को मंदिर में प्रवेश किया ओर पूजा अर्चना की। मंदिर में 10 से50 साल उम्र की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है लेकिन तीन महीने पहले शीर्ष न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में मंदिर में इस उम्र वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी थी। शांति भंग करने वाले विभिन्न प्रदर्शनकारियों को राज्य के अलग अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है। दूसरी ओर राज्य के विश्वविद्यालयों ने गुरुवार को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।