सबरीमाला मंदिर के कपाट 62 दिन के लिए खुले, भारी विरोध के बाद तृप्ति देसाई ने दर्शन का इरादा छोड़ा
सबरीमला मंदिर दो महीने तक चलने वाली पूजा के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार शाम को खुल गए। वहीं भगवान अयप्पा के श्रद्धालु मंदिर में माहवारी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ अब भी अड़े हुए हैं।
नई दिल्ली: दो माह तक चलने वाले तीर्थयात्रा के लिये शुक्रवार शाम को कड़ी सुरक्षा के बीच सबरीमला मंदिर को खोल दिया गया। सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दिये जाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के कारण हाल में मंदिर विवादों में रहा है। प्रधान पुजारी कंडारारू राजीवारू की मौजूदगी में जब शाम पांच बजे मंदिर के पट खोले गए तो बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने स्वामी अयप्पा का जयघोष किया।
इस मौके पर दो नये पुजारियों एम एल वासुदेवन नंबूदरी (अयप्पा मंदिर) और एम एन नारायणन नंबूदरी (मलिकापुरम) ने पदभार संभाला। 41 दिनों तक चलने वाला मंडलम उत्सव मंडला पूजा के बाद 27 दिसंबर को संपन्न होगा जब मंदिर को अथाझापूजा के बाद शाम को बंद कर दिया जाएगा। यह 30 दिसंबर को मकराविलक्कू उत्सव पर फिर से खुलेगा मकराविलक्कू उत्सव 14 जनवरी को मनाया जाएगा जिसके बाद मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा। उच्चतम न्यायालय के सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने के फैसले के बाद तीसरी बार खुले मंदिर के आसपास सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये गए थे।
भगवान अयप्पा के श्रद्धालु मंदिर में माहवारी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ अब भी अड़े हुए हैं। कोच्चि के नेदुमबासरी हवाई अड्डे पर नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला जब सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई को उनकी छह महिला साथियों के साथ बाहर नहीं निकलने नहीं दिया गया। तृप्ति ने मंदिर में प्रार्थना करने का संकल्प लिया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अयप्पा के मंत्रोच्चार के साथ प्रदर्शन किया। देसाई और उनकी सहयोगियों को करीब सात घंटे तक हवाईअड्डे के भीतर रोक कर रखा गया।
स्थिति से निपटने के लिए बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी हवाई अड्डे के घरेलू टर्मिनल पर मौजूद थे। एक ओर श्रद्धालु इस बात पर अड़े हुए हैं कि उन्हें हवाईअड्डे से बाहर नहीं आने दिया जाएगा। वहीं देसाई का कहना है कि मंदिर में दर्शन किए बिना लौटने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमित देने के उच्चतम न्यायालय के 28 सितंबर के फैसले के बाद मंदिर तीसरी बार खोला है।
सबरीमला मंदिर को “मंडला मक्काराविल्लकु” के लिए शुक्रवार शाम पांच बजे खोल दिया गया है। इसे देखते हुए मंदिर के अंदर और आस-पास पुलिसकर्मियों की बड़ी तादात में तैनाती की गई है। इससे पहले दो बार मंदिर खुलने के दौरान काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे जिसके चलते इस बार सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस महानिरीक्षक विजय सलीम ने पुलिसकर्मियों से सबरीमला में सख्त ड्रेस कोड का पालन करने को कहा है। हालांकि, मंदिर तक जाने वाली 18 सीढ़ियों पर मौजूद रहने वाले कर्मियों को इससे छूट दी गई है। महिला पुलिसकर्मी और 860 महिला सिविल पुलिस अधिकारियों समेत करीब 15,000 कर्मियों की इस दौरान तैनाती की जाएगी।