प्रद्युम्न मर्डर केस में सबसे बड़ा ट्विस्ट, 'वो' जिसने प्रद्युम्न को सबसे पहले देखा
ऐसे में सवाल ये पैदा होता है कि अगर कंडक्टर क़ातिल है, तो वो मौका-ए-वारदात से भागा क्यों नहीं? कंडक्टर कत्ल के बाद न सिर्फ वहीं रुका रहा बल्कि खून से सने प्रद्युम्न को कार तक पहुंचाने में भी वो साथ था और ये सब वहां मौजूद लोगों ने अपनी आंखों से देखा।
नई दिल्ली: गुरुग्राम में रायन इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या का केस लगातार उलझता जा रहा है। इस मामले में आज स्कूल में टीचर्स से पूछताछ की जा रही है। रायन इंटरनेशनल स्कूल की 30 से ज़्यादा टीचर्स स्कूल पहुंची हैं। इसके अलावा स्कूल का नॉन टीचिंग स्टाफ भी अंदर मौजूद है, जिनसे आज प्रद्युम्न की हत्या को लेकर पूछताछ होगी। वहीं इस मर्डर मिस्ट्री में हरियाणा पुलिस अपनी ही थ्योरी में उलझती नजर आ रही है। ये भी पढ़ें: PM मोदी पहली बार देश की किसी मस्जिद में गए, शिंजो आबे के बने गाइड
बस के ड्राइवर और घटना के चश्मदीद के बाद अब रायन स्कूल के माली ने भी पुलिस के दावों पर सवाल उठाए हैं। माली का दावा है कि आरोपी अशोक वारदात के वक्त बाथरुम के पास नहीं था। माली के इस दावे के बाद प्रद्युम्न के मर्डर का रहस्य और भी गहरा गया है।
हरपाल जो इस मर्डर का सबसे पहला चश्मदीद है, जिसने वारदात के बाद सबसे पहले प्रद्युम्न को देखा, उसने पुलिस की थ्योरी को पूरी तरह से झुठला दिया है। पुलिस ने जिसे मुख्य आरोपी मानकर सलाखों के पीछे डाल रखा है हरपाल के मुताबिक वो उस वक्त टॉयलेट के आस-पास भी नहीं था। हरपाल ने कहा कि, “वारदात के दिन नर्सरी में काम करने के बाद मैं पानी पीने जा रहा था। वाटर कूलर के पास काफी बच्चे जमा थे और चीख-पुकार मचा रहे थे। जब मैं वहां पहुंचा तो प्रद्युम्न टॉयलेट के बाहर गलियारे में खून से लथपथ पड़ा था। मैंने सबसे पहले अंजू मैम को बताया। मैम ने उसे उठाने को कहा।
माली का दावा है कि अशोक पहले से बाथरुम में नहीं था। वाटरकूलर की तरफ बाहर जाने का एक दरवाजा है अशोक उसी दरवाजे से अंदर आया था और प्रद्युम्न को उठाने से पहले अशोक के कपड़ों पर खून के निशान नहीं थे। रायन स्कूल के माली हरपाल की इस बात की तस्दीर स्कूल की टीचर अंजू डुडेजा ने भी की है। जब पुलिस ने स्कूल की टीचर अंजु डुडेजा से पूछताछ की तो उन्होंने भी कहा कि सबसे पहले माली ने ही उन्हें खबर दी और उन्होंने ही माली से प्रद्युम्न को उठाने में कंडक्टर अशोक की मदद लेने के कहा।
ऐसे में सवाल ये पैदा होता है कि अगर कंडक्टर क़ातिल है, तो वो मौका-ए-वारदात से भागा क्यों नहीं? कंडक्टर कत्ल के बाद न सिर्फ वहीं रुका रहा बल्कि खून से सने प्रद्युम्न को कार तक पहुंचाने में भी वो साथ था और ये सब वहां मौजूद लोगों ने अपनी आंखों से देखा।
शुरुआत में कहा गया कि यौन शोषण के चलते मासूम प्रद्युम्न का मर्डर किया गया लेकिन ये बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने झुठला दी। अशोक ने कहा कि टूल किट में रखे चाकू से उसने प्रद्युम्न का मर्डर किया लेकिन बस के ड्राइवर ने कहा कि किट में चाकू था ही नहीं। कुछ इसी तरह के सवालों में हरियाणा पुलिस उलझकर रह गई है। पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रद्युम्न के मर्डर का मकसद जानना है।