नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन अगले महीने 6 दिसंबर को भारत आएंगे जहां वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें रक्षा, सुरक्षा सहित दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर व्यापक चर्चा होने की संभावना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह जानकारी दी। शिखर बैठक से पूर्व '2+2' मंत्रिस्तरीय वार्ता होगी। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक करेंगे।
रूसी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, "6 दिसंबर को, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के साथ नयी दिल्ली में अपने भारतीय समकक्षों एस जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ वार्ता करेंगे।" उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि मंत्री एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और अफगानिस्तान तथा सीरिया के घटनाक्रम सहित प्रमुख क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा करेंगे। रूस हिंद-प्रशांत को एशिया-प्रशांत के रूप में संदर्भित करता है।
प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और रूस-भारत-चीन (आरआईसी) त्रिपक्षीय बैठक में भी विचारों का आदान-प्रदान करने की उम्मीद है। प्रवक्ता ने कहा, "भविष्य में, रूस और भारत के बीच वैकल्पिक तौर पर समय- समय पर इस प्रारूप में वार्ता आयोजित करने का इरादा है।''
शिखर बैठक से दोनों देशों के विशिष्ठ एवं विशेष सामरिक गठजोड़ के सम्पूर्ण आयामों को गति मिलने की उम्मीद है। समझा जाता है कि दोनों पक्ष रक्षा, कारोबार और निवेश एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई समझौते भी कर सकते हैं। शिखर बैठक में सैन्य तकनीकी सहयोग के नवीन ढांचे को कार्यरूप दिया जा सकता है, साथ ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त आयोग की घोषणा की जायेगी।
रूस, भारत का समय की कसौटी पर खरा उतरा सहयोगी और नयी दिल्ली की विदेश नीति का महत्वपूर्ण स्तंभ है। समझा जाता है कि शिखर बैठक में अफगानिस्तान से जुड़े घटनाक्रम सहित क्षेत्रीय मुद्दों की भी समीक्षा की जायेगी। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया समेत कुछ देशों के साथ '2+2' मंत्रिस्तरीय वार्ता करता रहा है, जिसमें दोनों देशों के दो-दो मंत्री शामिल होते हैं।
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