विजयादशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की शस्त्र पूजा, कहा 'देश ने संयम से स्वीकारा राम मंदिर का फैसला'
इस अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर शस्त्र पूजा की। COVID19 महामारी की वजह से सभागार के अंदर केवल 50 स्वयंसेवकों को अनुमति दी गई है।
नागपुर। आज विजयादशमी यानि दशहरा का पर्व है। आज ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का स्थापना दिवस भी होता है। इस मौके पर नागपुर स्थित संघ कार्यालय में परंपरागत रूप से विजयादशमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर शस्त्र पूजा की। COVID19 महामारी की वजह से सभागार के अंदर केवल 50 स्वयंसेवकों को अनुमति दी गई है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में संघ प्रमुख ने कहा कि 2019 में, अनुच्छेद 370 लागू हुआ, फिर SC ने 9 नवंबर को अयोध्या का फैसला दिया। संपूर्ण देश ने फैसले को स्वीकार कर लिया। 5 अगस्त 2020 को, राम मंदिर के शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया था। हमने इन घटनाओं के दौरान सभी भारतीयों का धैर्य और संवेदनशीलता देखी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा हमने देश में तनाव पैदा करने वाले CAA विरोधों को देखा। इससे पहले कि इस पर आगे चर्चा की जा सके, इस साल कोरोना पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसलिए, कुछ लोगों के दिमाग में सांप्रदायिक भड़कना केवल उनके दिमाग में रहा।
अन्य देशों के मुकाबले भारत में कोरोना से नुकसान कम
कोरोना पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कोरोना की वजह से कई सारे विषय बंद हो गए। मोहन भागवत ने कहा- सरकार की तरफ से सही समय पर उठाए गए कदमों की वजह से भारत को कोरोना के मामले में अन्य देशों की तुलना में कम नुकसान हुआ। विश्व के अन्य देशों की तुलना में हमारा भारत संकट की इस परिस्थिति में अधिक अच्छे प्रकार से खड़ा हुआ दिखाई देता है। भारत में इस महामारी की विनाशकता का प्रभाव बाकी देशों से कम दिखाई दे रहा है, इसके कुछ कारण हैं।
कोरोना में दिखाई दी सामाजिक एकता
संघ प्रमुख ने कहा कि लॉकडाउन के समय आरएसएस ही नहीं बल्कि समाज के सभी वर्गों ने एकजुटता दिखाई और जरूरतमंदों की खुल कर मदद की है। स्वतंत्रता के बाद धैर्य, आत्मविश्वास व सामूहिकता की यह अनुभूति पहली बार अनेकों लोगों ने देखा है। कहीं भोजन बांटने का काम हुआ तो.कही मास्क बांटे गए। इस विषम परिस्थिति में सरकार ने भी तत्परता पूर्वक लोगों को सावधान किया, सावधानी के उपाए बताए और उस पर अमल भी किया।
सीएए के सहारे हिंसा की कोशिश
मोहन भागवत ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को आधार बनाकर समाज में विद्वेष व हिंसा फैलाने का षडयंत्र चल रहा है। इस कानून को संसद से पूरी प्रक्रिया से पास किया गया। इस षडयंत्र में शामिल लोग मुसलमान भाइयों के मन में यह बैठाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे अब भारत में नहीं रहेंगे। आपकी संख्या न बढे इसके लिए कानून बनाई गई, यह बात फैलाया गया।