कोलकाता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने उत्तरी दिनाजपुर जिले में हुए संघर्ष में दो छात्रों की मौत के संबंध में संगठन को ‘‘बदनाम’’ करने के आरोप में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को कानूनी नोटिस भेजा है। राज्य के शिक्षा मंत्री चटर्जी को यह कानूनी नोटिस एक अक्टूबर को भेजा गया है। तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व का दावा है कि आरएसएस-भाजपा ने राज्य में अशांति फैलाने के लिए षड्यंत्र रचा था।
आरएसएस प्रवक्ता जिशनू बसु ने बृहस्पतिवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस ने हमारे संगठन के खिलाफ आधारहीन, अवमानना वाले और गलत आरोप लगाए हैं। हमने तृणमूल कांग्रेस को एक कानूनी नोटिस भेजा है। उन्हें अपनी टिप्पणी के लिए या तो माफी मांगनी होगी या उन्होंने आरएसएस के बारे में जो कुछ भी कहा है उसे साबित करना होगा।’’
बसु ने कहा, ‘‘यदि तृणमूल कांग्रेस मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए इतनी बेचैन है तो उसे इसकी जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए।’’ नोटिस के बारे में पूछने पर चटर्जी ने कहा कि उन्हें अभी तक नोटिस नहीं मिला है और मिलने के बाद ही वह टिप्पणी करेंगे। पुलिस ने कहा है कि गत 20 सितम्बर को इस्लामपुर में दरीभीत हाईस्कूल में उर्दू और संस्कृत शिक्षकों की भर्ती को लेकर प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हुई झड़प में एक कालेज छात्र तपस बर्मन और एक आईटीआई छात्र राजेश सरकार की मौत हो गई थी।
पीड़ित छात्रों के परिवार के सदस्यों, ग्रामीणों और भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि छात्र पुलिस गोलीबारी में मारे गए। हालांकि राज्य सरकार और पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया था। पुलिस और राज्य प्रशासन ने इन आरोपों से इनकार किया है। उसने मामले की जांच सीआईडी को सौंपी है।
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