जानें, राम मंदिर और रोहिंग्या शरणार्थियों पर संघ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने क्या कहा
रोहिंग्या मुद्दे पर कुमार ने कहा कि इस्लामी देश आगे आकर रोहिंग्या समुदाय के लोगों को नागरिकता की पेशकश क्यों नहीं करते, हमारे देश में तो पहले ही इतनी आबादी है...
नई दिल्ली: राम मंदिर के निर्माण के विषय पर जन संवाद को धार प्रदान करने के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अयोध्या में 2 दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने यह जानकारी देते हुए कहा कि संवाद इस मामले में समाधान निकालने में सहायक होगा। RSS के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि रविवार को अयोध्या में 2 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह मामला अदालत में है और निश्चित तौर पर अदालत इस पर अपनी कार्यवाही पूरी करेगी। उन्होंने कहा, ‘देश में संसद है, संविधान है और देश की जनता है। सबका अपना अपना दायित्व है। संसद, अदालत और जनता तीनों इस समस्या के समाधान की तरफ आगे बढ़ रहे हैं और इसका कोई सर्वोत्तम समाधान निकालेंगे।’
यह पूछे जाने पर कि राम मंदिर के निर्माण के बारे में क्या कोई समयसीमा तय की गई है, संघ के वरिष्ठ प्रचारक ने कहा कि समस्या का समाधान महत्वपूर्ण होता है, समयसीमा (डेडलाइन) महत्वपूर्ण नहीं होती है। इंद्रेश कुमार ने दावा किया कि देश में 126 करोड़ लोग है जिनकी जाति, परंपरा, वेशभूषा अलग अलग है लेकिन यह भी सत्य है कि हमारे पूर्वज एक ही थे। उन्होंने कहा, ‘दलों ने बांटने का काम किया। समय के साथ हमारा तानाबना बिगड़ गया। अब देश में मतभेद पैदा करने वाली, बांटने वाली ताकतें कमजोर हो रही हैं और रास्ता निकालने वाली ताकतें मजबूत हो रही हैं। सुधारवाद आगे बढ़ रहा है और हमें उम्मीद है कि इन्हीं से रास्ता भी निकलेगा।’
‘इस्लामिक देश दें रोहिंग्या मुसलमानों को नागरिकता’
रोहिंग्या मुद्दे पर कुमार ने कहा कि रोहिंग्या लोगों को शरण देने के लिए इस्लामिक देशों को आगे आना चाहिए और उन्हें नागरिकता देनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर आप इतिहास देखें तो रोहिंग्या भारत के रहने वाले नहीं हैं, वे बांग्लादेश के हैं। तो उन्हें भारत में रहने की इजाजत कैसे मिल सकती है जबकि वे यहां आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामी देश आगे आकर रोहिंग्या समुदाय के लोगों को नागरिकता की पेशकश क्यों नहीं करते, हमारे देश में तो पहले ही इतनी आबादी है।