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Hindi News भारत राष्ट्रीय झारखंड विधानसभा में ‘नमाज’ के लिए कमरे पर बयान देने से RSS ने किया परहेज

झारखंड विधानसभा में ‘नमाज’ के लिए कमरे पर बयान देने से RSS ने किया परहेज

इस मुद्दे पर विवाद के बाद विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने गुरुवार को मॉनसून सत्र के आखिरी दिन 7 विधायकों की एक सर्वदलीय समिति बनाई थी।

RSS, RSS Jharkhand House 'Namaz' Room, Jharkhand House 'Namaz' Room- India TV Hindi Image Source : PTI FILE राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झारखंड सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार निर्णय बदल देगी।

धनबाद: झारखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक पदाधिकारी ने शनिवार को कहा कि संगठन राज्य विधानसभा में ‘नमाज’ कक्ष बनाने के विवाद पर तभी टिप्पणी करेगा जब सरकार इस मुद्दे पर गौर करने के लिए गठित सदन की समिति की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय करेगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झारखंड सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत की तीन दिवसीय यात्रा पर मीडिया को जानकारी देते हुए यह बात कही। भागवत ने 'प्रचारकों' और अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठकें कीं।

इस बारे में एक सवाल पर राकेश लाल ने कहा, ‘विधानसभा ने (नमाज के लिए) एक कमरे के आवंटन पर एक समिति का गठन किया है और ऐसा लगता है कि सरकार निर्णय बदल देगी। सरकार के फैसले के बाद ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस मुद्दे पर टिप्पणी करेगा।’ इस मुद्दे पर विवाद के बाद विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने बृहस्पतिवार को मॉनसून सत्र के आखिरी दिन सात विधायकों की एक सर्वदलीय समिति बनाई थी। यह समिति इस मुद्दे पर विचार करेगी और 45 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी।

लाल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक हिंदू संगठन है जो जातिवाद में विश्वास नहीं करता है। उन्होंने कहा कि शाखा में भी स्वयंसेवक 25 साल साथ रहने के बावजूद एक-दूसरे की जाति नहीं जानते। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक समरसता में विश्वास करता है। लाल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख ने राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों की मदद करने में स्वयंसेवकों द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि भागवत ने स्वयंसेवकों को महामारी से निपटने में सरकार के साथ सहयोग करने की सलाह दी।

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