नई दिल्ली: केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के मार्गदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने यहां शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। संघ ने इसे एक सद्भावना मुलाकात बताया है। संघ ने कहा कि मुखर्जी ने भागवत को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया था, और वह रुद्रपुर से यहां पहुंचे।
17 जुलाई के राष्ट्रपति चुनाव से पूर्व हुई इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में कयासों को जन्म दे दिया है, लेकिन आरएसएस ने इन कयासों को खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने भागवत का नाम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में सुझाया है, लेकिन आरएसएस प्रमुख ने इस दौड़ से खुद को बाहर कर लिया है।
शिवसेना ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की अपनी मांग की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा अनदेखी के बाद शनिवार को सर्वोच्च पद के लिए कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन के नाम की वकालत की। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने साथ ही यह भी कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष के पास बढ़िया उम्मीदवार है, तो उनकी पार्टी उस पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की इच्छा एक सर्वसम्मत उम्मीदवार की है, जिसे बिना चुनाव के निर्वाचित किया जाए।
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