नई दिल्ली: अयोध्या फैसले से पहले मुस्लिम समुदाय तक पहुंच बनाने के लिए आरएसएस और भाजपा के प्रयासों के तहत मुस्लिम समुदाय के मौलवियों, शिक्षाविदों और प्रमुख हस्तियों के साथ यहां मंगलवार को एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में भाग लेने वालों ने सामाजिक समरसता और एकता बनाए रखने पर जोर दिया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के घर पर हुई इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता कृष्ण गोपाल और रामलाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन और बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के प्रमुख सदस्य शामिल हुए।
बैठक में मौजूद लोगों ने सामाजिक-सांप्रदायिक सौहार्द की रक्षा करने और उसे मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि सभी दशाओं में देश में भाईचारे और एकता को बनाए रखा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव महमूद मदनी, फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमल फारुकी, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और शिया धर्मगुरु कल्बे जवाद बैठक में मौजूद प्रमुख मुस्लिम हस्तियों में शामिल थे।
बैठक में शामिल होने वालों ने उन तत्वों से सावधान रहने के लिए आगाह किया जो अपने निहित स्वार्थों के लिए समाज के सौहार्द और एकता को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार नकवी ने कहा, ‘‘विविधता में एकता हमारी सांस्कृतिक प्रतिबद्धता है।’’ उन्होंने बैठक में कहा कि समाज के सभी वर्गों की यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि वह एकता की इस शक्ति की रक्षा करें।
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