नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि देश को टैक्स हैवेन नहीं बनने दिया जाएगा और जो लोग विदेशों में जमा अपनी अज्ञात संपत्ति का खुलासा करेंगे, उन्हें लेकर सरकार नरम रुख अपनाएगी और इस दिशा में एक तर्कसंगत मार्ग अपनाया जाएगा। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सम्मेलन में जेटली ने कहा, "भारत में एक स्थिर कर प्रणाली की जरूरत है, न कि टैक्स बनने की। जो भी बकाया कर हैं, उनका जरूर भुगतान होना चाहिए। इस दिशा में एक तर्कसंगत नियम बनाया जाएगा।"
उनका इशारा अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति (कराधान) विधेयक, 2015 की ओर था, जिसे उन्होंने पिछले महीने लोकसभा में पेश किया। इसमें विदेश में जमा काला धन पर 300 प्रतिशत तक के जुर्माने के साथ-साथ तीन-10 साल के कठोर कारावास की सजा का भी प्रावधान है।
विधेयक में हालांकि विदेशों में जमा काला धन को वापस लाए जाने पर कुछ नरमी का भी प्रावधान है, जिसमें ऐसे लोगों को एक निर्धारित समयावधि में अपनी ऐसी संपत्तियों की घोषणा करने पर कुछ कर अदायगी के बाद शेष राशि को अपने पास रखने की अनुमति होगी।
प्रावधानों के अनुसार, भारत से बाहर ऐसी संपत्ति की घोषणा पर 30 प्रतिशत कर और इतनी ही राशि जुर्माना देय होगा। यानी प्रभावी कर 60 प्रतिशत होगा, जिसका अर्थ यह हुआ कि व्यक्ति को 40 प्रतिशत राशि अपने पास रखने का अधिकार होगा।
विदेशों में जमा अवैध धन का कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन अनाधिकारिक अनुमानों के मुताबिक विदेशों में रखा गया इस तरह का अवैध धन 466 अरब डॉलर से 1,400 अरब डॉलर तक हो सकता है।
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