हैदराबाद: शोध छात्र रोहित वेमुला की मां ने हैदराबाद विश्वविद्यालय से आठ लाख रुपये का मुआवजा स्वीकार किया और कहा कि प्रबंधन के साथ ‘‘समझौते का कोई रास्ता नहीं’’ है। रोहित ने दो वर्ष पहले आत्महत्या कर ली थी।
राधिका वेमुला ने एक कल जारी एक बयान में कहा कि उन्होंने अपने वकील और समर्थकों की सलाह पर अपने बेटे की मृत्यु के लिए मुआवजा स्वीकार करने का निर्णय लिया है। पहली बार जब रोहित की मां को मुआवजा स्वीकार करने की पेशकश की गई थी तो उन्होंने इनकार कर दिया था। राधिका ने कहा कि उनकी यह ‘‘गलत धारणा’’ थी कि कुलपति पी अप्पाराव समेत विश्वविद्यालय अधिकारियों के कहने पर धनराशि की पेशकश की जा रही थी।
उन्होंने कहा,‘‘अपने वकील और समर्थकों की सलाह पर मुझे पता चला कि कुलपति अप्पा राव की तरफ से धनराशि की पेशकश नहीं की गई थी और यह पेशकश राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के आदेश पर की गई थी।’’ उन्होंने कहा कि वह चाहती है कि सब कुछ पारदर्शी ढंग से हो। उन्होंने कहा,‘‘मैं ये अफवाहें फैलाना नहीं चाहती थीं कि राधिका वेमुला ने विश्वविद्यालय के साथ कोई गुप्त समझौता कर लिया है और धनराशि स्वीकार कर लीं।’’
विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित ने 17 जनवरी, 2016 को परिसर में छात्रावास के एक कमरे में आत्महत्या कर ली थी। रोहित विश्वविद्यालय द्वारा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने से कथित रूप से परेशान था।
रोहित के आत्महत्या मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू गई थी और विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर केन्द्र पर निशाना साधा था। विश्वविद्यालय के छात्रों, कुछ राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के एक समूह ने आरोप लगाया था कि इस आत्महत्या के लिए कुलपति भी जिम्मेदार हैं। छात्रों के एक समूह की शिकायत के आधार पर पुलिस ने अप्पाराव और चार अन्य के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था।
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