पान खाना भारतीयों की राष्ट्रीय आदत है। ऐसे में देश की सड़कों, दिवारों और डिवाइडरों पर पान की पीकों की चित्रकारी दिखाई देना कोई नई बात नहीं है। लेकिन विदेशी पर्यटकों या राजनयिकों के सामने यह राष्ट्रीय शर्मिंदगी का विषय भी है। इसी शर्मिंदगी से बचने का एक नायाब तरीका गुवाहाटी नगर निगम ने ढूंढ निकाला है। गुवाहाटी प्रशासन ने डिवाइडरों को प्लास्टिक से ढंक दिया है, जिससे डिवाइडर की दीवारों को पान की पीक से बचाया जा सके।
दरअसल 15 दिसंबर को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी पीएम शिंजो आबे गुवाहाटी आ रहे हैं। दोनों नेता गुवाहाटी में प्रस्तावित बैठक में भाग लेंगे। इस वीवीआईपी बैठक से पहले सौंदर्यीकरण कार्य के तहत शहर के मुख्य सड़क के डिवाइडरों को काले और सफेद रंगों से रंगा गया था लेकिन कुछ ही मिनटों में डिवाइडर पान के लाल दागों से अटे पड़े थे। सड़क डीवाइडरों को बार बार रंगने से बचने के लिए गुवाहाटी नगर निगम ने डीवाइडरों को प्लास्टिक की चादरों से ढकने का फैसला किया है।
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निगम के सूत्रों ने बताया पॉलीथीन की चादरें भी लोगों को डीवाइडर पर पान थूकने से नहीं रोक सकीं लेकिन चादरों के कारण नए रंगे सेपरेटर पान के दाग से अनछुए बच गए। नगर निगम कर्मियों ने मीडिया को बताया कि क्षेत्र में आने वाले कुछ लोग जिनके पास समाज में रहने का ढंग नहीं है वे अपनी गाडियों को धीमा करने के बाद शीशे नीचे कर सड़क के डीवाइडरों पर पान की पीक मार देते हैं। एक कालेज के विद्यार्थी ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए जिससे दूसरे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से पहले दो बार सोचें।
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