मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेपकांड पर RJD का जंतर-मंतर पर जोरदार प्रदर्शन, राहुल-केजरीवाल समेत कई विपक्षी नेता पहुंचे
राजद के इस विरोध प्रदर्शन को तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसी कई पार्टियों का समर्थन प्राप्त है।
नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेपकांड मामले में विपक्ष आक्रामक होता जा रहा है। विपक्षी दल इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरने में लगे हुए हैं नीतीश सरकार के खिलाफ शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल ने दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया है। इस कैंडल मार्च में राजद नेताओं के अतिरिक्त शरद यादव और लेफ्ट के नेता भी शामिल हुए हैं। तेजस्वी यादव ने इस विरोध-प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आने की बात कही थी शाम को राहुल गांधी भी दूसरे विपक्षी नेताओं के साथ मंच पर दिखाई दिए।
इस प्रदर्शन पर तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट करके लिखा है कि, "जंतर-मंतर पर धरना विशुद्ध रूप से ग़ैर-राजनीतिक है क्योंकि एक सामाजिक कार्यकर्ता होने से पहले मैं 7 बहनों का भाई,एक माँ का बेटा और कई बेटियों व भगिनी का चाचा और मामा हूँ। बच्चियों के साथ हुई इस अमानवीय घटना से मैं सो नहीं पाया हूँ। नीतीश जी क्यों चुप है यह उनसे बेहतर कौन जानता होगा?"
Live Updates:
- सभी निताओं ने मोमबत्ती जला दी है। इसके बाद मार्च करते हुए सभी नेता इंडिया गेट जाएंगे
- नीतीश को सच में शर्म आ रही है तो एक्शन लें- राहुल गांधी
- एक तरफ बीजेपी आरएसएस की सोच दूसरी तरफ पूरा हिन्दुस्तान- राहुल गांधी
- देश में जो भी कमजोर है आज उस पर हमला हो रहा है- राहुल गांधी
- देश में अजीब से माहौल बन गया है।- राहुल गांधी
- हम हिन्दुस्तान की महिलाओं के लिए आए हैं।- राहुल गांधी
- मंच से राहुल गांधी अभी भाषण दे रहे हैं।- राहुल गांधी
- बिहार में आज जंगल राज नहीं, रावणराज- तेजस्वी यादव
- मंच पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे हैं
राजद के अतिरिक्त विपक्ष के कई दूसरे दल भी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पहले ही इस प्रदर्शन का समर्थन कर चुके हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘‘दिल्ली के लोगों से अपील है कि हमारी बहन बेटियों की सुरक्षा के लिये आज जंतर मंतर पर शाम पांच बजे जरूर आएं।’’
क्या है पूरा मामला
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस), मुम्बई द्वारा अप्रैल में राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सबसे पहले सामने आया था। बालिका गृह में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के चिकित्सकीय परीक्षण में उनके साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई है। एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ द्वारा चलाए जा रहे बालिका गृह का मालिक बृजेश ठाकुर इस मामले में मुख्य आरोपी है।
इस मामले में 31 मई को 11 लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ठाकुर समेत 10 लोगों को तीन जून को गिरफ्तार किया गया था। एक व्यक्ति फरार है। बिहार पुलिस ने 26 जुलाई को इन आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। राज्य सरकार ने 26 जुलाई को इसकी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी और बाद में सीबीआई ने इसकी जांच राज्य पुलिस से अपने हाथ में ले ली थी।
मुख्यमंत्री जता जुके हैं अफसोस
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सार्वजनिक रूप से अफसोस जता चुके हैं। मीडिया से बात करते हुए नीतीश ने कहा कि, ‘‘मैं मुजफ्फरपुर में हुई घटना को लेकर दुखी हूं। मुझे ग्लानि हो रही है। हमारे समाज में किस तरह की विकृत मानसिकता के लोग रहते हैं। बिहार के सभी लोग इस तरह की भयावह घटना को लेकर शर्म महसूस करते हैं। सीबीआई मामले की जांच कर रही है।
मैंने महाधिवक्ता से मामले की निगरानी के लिए पटना उच्च न्यायालय से अनुरोध करने को भी कहा है ताकि जांच पारदर्शी हो और कोई भी दोषी बचने ना पाए। कुछ लोगों का किया गया भयावह अपराध है। लेकिन पूरे तंत्र को यह कलंक झेलना होता है। इसलिए मैं व्यवस्था की खामियों को दूर करने की जरूरत पर जोर देता हूं क्योंकि उनकी वजह से इस तरह के अपराध की गुंजाइश बचती है। मैंने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक एवं सामाजिक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव के साथ हाल में की गयी एक बैठक में इस संबंध में निर्देश जारी किए।’’