नई दिल्ली: बेनामी संपत्ति मामले में घिरे आरजेडी सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। शुक्रवार को लालू और उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार का एक नया केस दर्ज किया है। लालू के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहने के दौरान एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाया। सीबीआई ने उनकी पत्नी और बेटे सहित 8 लोगों पर केस दर्ज किया है। इस सिलसिले में 12 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है। सीबीआई ने 2006 में रांची और पुरी में होटलों के डिवेलपमेंट, मेनटेनेंस और ऑपरेशन के लिए टेंडर देने के मामले में लालू प्रसाद यादव के जिन 12 ठिकानों पर छापेमारी की है उनमें दिल्ली, पटना, रांची, पुरी और गुरुग्राम शामिल हैं। सीबीआई ने आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक, एक व्यक्ति, एक निजी मार्केटिंग कंपनी के दो निदेशक और एक अन्य कंपनी के दो निदेशक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी के एडिशनल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री रहते गड़बड़िया हुई। टेंडर के बदले लालू यादव को सस्ती जमीन देने का आरोप है। सीबीआई ने होटलों के रखरखाव के लिए निविदाएं देने में कथित अनियमितताओं के मामले में यह छापेमारी की है।
राकेश अस्थाना ने कहा कि 32 करोड़ की जमीन लाला प्रोजेक्ट को 65 लाख रुपए में दी गई। लालू यादव और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश का केस दर्ज किया गया है। धारा 420 120बी के तहत केस दर्ज किया गया है। लालू, राबड़ी समेत आठ लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने कहा कि टेंडल के बदले लालू यादव को बदले में सस्ती जमीन दी गई। देशभर में उनके 12 ठिकानों पर छापे मारे गए।
बता दें कि लालू यादव और उनका परिवार बेनामी संपत्ति मामले को लेकर भी घिरे हुए हैं। उनके परिवार पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए बेनामी संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। हाल ही में इनकम टैक्स विभाग ने इस सिलसिले में 12 बेनामी संपत्तियों को अटैच किया है।
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