नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में अपेक्षाकृत अच्छा कर रहा है। वहीं कोरोना वैक्सीनेशन के बाद उसके प्रतिकूल प्रभावों और घटनाओं के सामने आने के विषय पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस पर चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के प्रतिकूल प्रभाव मुख्य रूप से टीकाकरण के बाद बच्चों और गर्भवती महिलाओं में देखे गए हैं। ऐसे में कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने बाद एक प्रतिकूल घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
भूषण ने अपनी बात रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मामलों का भी हवाला दिया और कहा कि भारत कोविड-19 के लिए टीकाकरण शुरू होने पर प्रतिकूल घटनाओं की संभावनाओं से इनकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, "जिन देशों में टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है, विशेष रूप से ब्रिटेन में, पहले दिन प्रतिकूल घटनाएं हुईं।"
भूषण ने कहा कि ब्रिटेन समेत जिन देशों में टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है, पहले दिन वहां प्रतिकूल घटनाएं हुईं। ऐसे में यह आवश्यक है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसके लिए भी तैयारी करें।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के एक बयान ने यह आशंका पैदा कर दी है कि इस वैक्सीन को लेकर लोगों में झिझक देखने को भी मिल सकती है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जब बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया जाता है तो कुछ लोगों में उल्टा असर भी देखने को मिल जाता है।
कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा कि 9000 कोल्ड चेन प्वाइंट, 240 वॉक-इन कूलर, 70 वॉक-इन फ्रीजर, 45000 आइस-लाइनेड रेफ्रिजरेटर, 41000 डीप फ्री जर्स और 300 सोलर रेफ्रिजरेटर का उपयोग किया जायेगा। ये सभी उपकरण राज्य सरकारों तक पहुंच चुके हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस देश में प्रति दस लाख जनसंख्या पर कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या दुनिया में सबसे कम है। भूषण ने कहा कि वैश्विक औसत जहां प्रति दस लाख जनसंख्या पर 9,000 है, वहीं भारत में मामलों की संख्या प्रति दस लाख आबादी पर 7,178 है।
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