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Hindi News भारत राष्ट्रीय शॉर्ट सर्विस कमिशन वाले रिटायर सेना अधिकारी भी नाम के साथ लगा सकेंगे 'कैप्टन' और 'कर्नल', MoD ने दी अनुमति

शॉर्ट सर्विस कमिशन वाले रिटायर सेना अधिकारी भी नाम के साथ लगा सकेंगे 'कैप्टन' और 'कर्नल', MoD ने दी अनुमति

रक्षा मंत्रालय ने सेना से रिटायर उन सभी शॉर्ट सर्विस कमिशन (SSC) अधिकारियों को अपने नाम के आगे सेना की उस पदवी को लगाने की अनुमति दे दी है जिस रैंक से वे रिटायर हुए हैं।

<p>Retired army officers with short service commission will...- India TV Hindi Retired army officers with short service commission will also be able to name 'Captain' and 'Colonel', MoD gave permission

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने सेना से रिटायर उन सभी शॉर्ट सर्विस कमिशन (SSC) अधिकारियों को अपने नाम के आगे सेना की उस पदवी को लगाने की अनुमति दे दी है जिस रैंक से वे रिटायर हुए हैं। बुधवार को रक्षा मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई है। अभी तक शॉर्ट सर्विस कमिशन के जरिए सेना में सेवा देने के बाद रिटायर होने वाले अधिकारियों को अपने नाम के आगे अपने उस रैंक को लगाने की अनुमति नहीं होती थी जिस रैंक पर वे रिटायर होते थे। सेना में अधिकारियों के रैंक लेफ्टिनेंट से शुरू होते हैं और उच्चतम रैंक जनरल है। 

शॉर्ट सर्विस कमिशन लेने वाले अधिकारियों का कार्यकाल क्योंकि अन्य अधिकारियों के मुकाबले छोटा होता है ऐसे में वे अधिकतम कैप्टन, मेजर या ज्यादा से ज्यादा कर्नल  के रैंक तक ही पहुंच पाते हैं। लेकिन रिटायरमेंट के बाद उन्हें अपने नाम के साथ उस रैंक को लगाने की अनुमति नहीं होती थी जो अब दे दी गई है। शॉर्ट सर्विस कमिशन लेने वाले अधिकारी 1983 से यह मांग करते आ रहे थे जिसे अब सरकार ने मान लिया है। 

चेन्नई में स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) में सेना के लिए शॉर्ट सर्विस कमिशन वाले अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है और पहले उनका कार्यकाल सिर्फ 5 वर्ष तक होता था जिसे बढ़ाकर अब 10 वर्ष कर दिया गया है, इसके अलावा अधिकारी को 4 वर्ष का एक्टेंशन भी मिल जाता है। यानि शॉर्ट सर्विस कमिशन लेकर सेना में अधिकारी बनने पर अधिकतम 14 वर्ष का ही कार्यकाल होता है।

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