नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने यहां एक अदालत के समक्ष कहा कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी अब तक दिल्ली सरकार के गृह विभाग द्वारा नहीं मिल पाई है। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मनीष खुराना को सरकारी वकील ने मंजूरी अब भी लंबित होने की जानकारी दी। इसके बाद खुराना ने जांच अधिकारी को 11 दिसम्बर को बुलाया।
अदालत ने 18 सितम्बर को दिल्ली सरकार से एक महीने के अंदर कन्हैया और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर फैसला लेने को कहा था। अदालत ने कहा था कि देरी के कारण अदालत का समय बर्बाद हुआ है क्योंकि आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद भी मामला बार-बार सूचीबद्ध और स्थगित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि 14 जनवरी को पुलिस ने कन्हैया कुमार, जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य सहित अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इन पर आरोप है कि नौ फरवरी 2016 को परिसर में हुए कार्यक्रम में इन्होंने एक जुलूस की अगुवाई की और देशद्रोही नारे लगाए।
अदालत ने इससे पहले पुलिस को आरोपी कुमार और अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी हासिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था और संबंधित अधिकारियों से प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा था।
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