नई दिल्ली। पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर पाकिस्तान से प्रायोजित फिदायीन हमले के खिलाफ भारत पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कूटनीतिक कार्रवाई कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए भारत का विदेश मंत्रालय योजना तैयार कर रहा है और इसके लिए कई देशों के उच्चायोग अधिकारियों को विदेश मंत्रालय ने बैठक में बुलाया था।
इस बैठक में करीब 25 देशों के राजनयिको को पुलवामा अटैक पर ब्रीफ किया गया है। गल्फ और इस्लामिक सहयोग संगठन देशों को भी इस मामले में जानकारी दी जाएगी। विदेश सचिव विजय गोखले ने चीन के राजदूत से अगल से बात की। उनको हमले में पाकिस्तान के हाथ होने की बात बताई और UNSC में मसूद अजहर की लिस्टिंग की चीन द्वारा ब्लॉकिंग का मुद्दा भी उठाया।
जिन देशों से विदेश सचिव ने बैठक की उसमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया जर्मनी, हंगरी, इटली, यूरोपियन यूनियन, कनाडा, ब्रिटेन, इसराइल, ऑस्ट्रेलिया, जापान आदि शामिल है। बातचीत में विदेशी राजदूतों को भारत में आतंकवाद प्रायोजित करने में पाकिस्तानी भूमिका और पिछली घटनाओं के बारे में ब्यौरा दिया गया है।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर शुक्रवार सुबह हुई सुरक्षा मामलों की समिती की बैठक में फैसला लिया गया था कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग किया जाएगा। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खुद इसके बारे मे जानकारी दी थी। बैठक में पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा तुरंत प्रभाव से वापस लिए जाने का फैसला भी हुआ है। इसके अलावा बैठक में कई और फैसले भी किए गए हैं जिनकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती।
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