नई दिल्ली: राफेल डील मामले में फ्रांस की एक वेबसाइट मीडियापार्ट के नए दावे के बाद दसॉ की प्रतिक्रिया सामने आई है। दसॉ ने भारत को राफेल विमान देने वाली इस कंपनी ने वेबसाइट की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि उसने जॉइंट वेंचर के पार्टनर के रूप में रिलायंस कंपनी का चुनाव खुद किया था। गौरतलब है कि इससे पहले फ्रांसीसी वेबसाइट ने दावा किया था कि दसॉ के पास रिलायंस डिफेंस से समझौता करने के अलावा और कोई चारा नहीं था।
बुधवार को जारी अपने स्पष्टीकरण में दसॉ एविएशन ने कहा कि भारतीय नियमों (रक्षा खरीद प्रक्रिया) के अनुपालन के लिए उसे 50 प्रतिशत का ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट करना था। दसॉ ने इसके लिए एक संयुक्त उपक्रम के गठन का फैसला किया। कंपनी ने कहा दसॉ एविएशन ने स्वतंत्र रूप से इसके लिए रिलायंस ग्रुप का चुनाव किया था। बयान में कहा गया है कि 10 फरवरी 2017 को जॉइंट वेंचर दसॉ रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (DRAL) का गठन किया गया।
इसके साथ ही दसॉ ने यह भी बताया है कि उसने BTSL, DEFSYS, काइनेटिक, महिंद्रा, Maini, SAMTEL जैसी कंपनियों के साथ भी अन्य कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं और कई अन्य से बातचीत चल रही है। कंपनी ने कहा है कि इस प्रक्रिया में फ्रेंच रेग्युलेशन का भी पूरा पालन हुआ है। गौरतलब है कि 59 हजार करोड़ रुपये के 36 राफेल लड़ाकू विमान के सौदे में रिलायंस दसॉ की मुख्य ऑफसेट पार्टनर है। राफेल डील को लेकर भारत में बड़े स्तर पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार पर घोटाले का आरोप लगा रहे हैं।
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