हरिद्वार: दिल्ली के बुराड़ी में रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौतों के एक सप्ताह बाद भी पुलिस को इस कथित सामूहिक आत्महत्या से संबंधित रहस्य से पर्दा उठाना बाकी है। वहीं, आज भाटिया परिवार के 11 में से 9 लोगों की अस्थियां हरिद्वार लाकर गंगा में विसर्जित कर दी गई। आज दोपहर परिवार के बड़े बेटे ने परिजनों के साथ पौराणिक ब्रह्मकुंड पर पूरे विधि-विधान के साथ अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया।
परिवार के तीर्थ पुरोहित धीरज पंडित का कहना है कि मृतक परिवार के बड़े बेटे अस्थियों को लेकर आए। उनके साथ परिवार के अन्य लोग भी शामिल थे। वहीं मृतक के बड़े भाई इस घटना के बाद से काफी आहत है। उनका कहना है कि उनका पूरा परिवार ही खत्म हो गया है, जिसके बाद अब कुछ नहीं बचा है।
बुराड़ी में एक सप्ताह पहले अपने घर के भीतर एक परिवार के 11 सदस्य मृत पाए गए थे। उनके मुंह सफेद कपड़े से ढके हुए थे और इन लोगों के हाथ-पैर बंधे हुए थे। इस मामले को लेकर कई सारे सवाल है जैसे 'क्या यह एक हत्या या आत्महत्या थी?', 'अगर यह एक हत्या थी, तो ऐसी क्रूर हत्याओं को अंजाम देने में कौन व्यक्ति शामिल थे और उनका क्या उद्देश्य था?' अगर परिवार ने आत्महत्या की थी, तो क्या कारण हो सकता है कि 11 सदस्य ऐसा कदम उठाने के लिए प्रेरित हो सकते थे। लेकिन न तो जांचकर्ताओं और न ही परिवार के करीबी सदस्यों के पास कोई सबूत हाथ लगा है।
परिवार के सदस्य हालांकि आरोप लगाते रहे है कि यह एक हत्या है लेकिन वह कोई उद्देश्य नहीं बात सके। इस मामले को लेकर विमहन्स में डॉक्टरों के साथ अनाधिकारिक रूप से चर्चा करने वाली पुलिस ने बताया था कि परिवार ‘साझा मनोविकृति’ से ग्रस्त हो सकता है। पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ताकि मनावैज्ञानिक शव परीक्षण की प्रक्रिया को शुरू किया जा सके।
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