नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने 2000 में लाल किले पर हुए हमले के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध बिलाल अहमद कावा की जमानत यह कहते हुए आज मंजूर कर ली कि इस मामले में एक को छोड़ कर शेष सभी सह आरोपियों को या तो बरी कर दिया गया अथवा आरोपमुक्त कर दिया गया है।
कावा को दिल्ली पुलिस और गुजरात आंतकवादी निरोधक स्क्वाड (एटीएस) ने संयुक्त अभियान में 10 जनवरी को दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 से गिरफ्तार किया गया और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने टिप्पणी की कि इस मामले में निचली अदालत और दिल्ली उच्च न्यायालय ने जिन आरोपियों को बरी अथवा आरोपमुक्त किया था उन पर कावा से अधिक गंभीर आरोप थे। अदालत ने कावा को 50 हजार रूपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानती बांड पर जमानत दी साथ ही उसे जांच को प्रभावित नहीं करने के निर्देश दिए।
कावा ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया कि उसे आगे हिरासत में रखने से कोई लाभ नहीं मिलेगा।पुलिस का आरोप था कि कावा को ऐतिहासिक लाल किले पर आतंकी हमला करने के लिए पाकिस्तान से 29.5 लाख रूपए मिले थे। इस हमले में सेना के दो जवान सहित तीन लोग मारे गए थे।
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