नई दिल्ली: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 133 गांव ऐसे हैं जहां पर सिर्फ बेटे जन्म ले रहे हैं। शक है कि गांवों में कन्या भ्रूण हत्या का सिलसिला जारी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का असर नहीं हो सका है। गौरतलब है कि जिले के 133 गांवों में पिछले 3 माह में 216 बच्चों ने जन्म लिया है लेकिन हैरत की बात ये है सभी जगह अस्पतालों में लड़कों ने ही जन्म लिया है। 216 बच्चों में एक भी बेटी का जन्म नहीं हुआ है जिसपर हैरानी जताई जा रही है।
इसकी सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि इसकी वस्तुस्थिति का पता लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने माना कि ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के लिए भी चिंताजनक है।
प्रशासन ने इस मामले को संज्ञान में लेकर जांच के आदेश दे दिये हैं। जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान ने कहा, “जहां पर बच्चों की, ख़ासतौर पर बालिकाओं का जन्म शून्य है या कम प्रतिशत है, हम लगातार मॉनीटर कर रहे हैं। कारणों की जांच की जा रही है कि किस वजह से लिंगानुपात पर असर पड़ रहा है।“
डीएम ने सभी 133 गांवों को रेड जोन में शामिल कर लिया है। यहां गिरते लिंगानुपात पर गहरी चिंता जताई जा रही है। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं की ओर से भेजी गई रिपोर्ट नियमित रूप से मदर चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए।
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