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Hindi News भारत राष्ट्रीय लॉकडाडन-2 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को रिकॉर्ड 20.3 करोड़ लोगों ने देखा: बार्क

लॉकडाडन-2 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को रिकॉर्ड 20.3 करोड़ लोगों ने देखा: बार्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन-दो को लेकर टीवी पर संबोधन को रिकॉर्ड 20.3 करोड़ लोगों ने देखा। प्रसारण दर्शक अनुसंधान परिषद (बार्क) ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन ने उनके ही पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा है।

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मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन-दो को लेकर टीवी पर संबोधन को रिकॉर्ड 20.3 करोड़ लोगों ने देखा। प्रसारण दर्शक अनुसंधान परिषद (बार्क) ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन ने उनके ही पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा है। अपने इस संबोधन में मोदी ने राष्ट्रव्यापी बंद को 19 दिन बढ़ाने की घोषणा की। बाजार अनुसंधान एजेंसी एसी नील्सन ने कहा कि रिकॉर्ड संख्या लोगों ने संपर्क का पता लगाने के आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड किया है लेकिन इनमें से सिर्फ 10 प्रतिशत ही इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री कोरोना वायरस महामारी पर देश की जनता को चार बार संबोधित कर चुक हैं। पहली बार उन्होंने‘जनता कर्फ्यू का आह्वान किया। उसके बाद लॉकडाउन की घोषणा और तीसरी बार घरों में मोमबत्तियां और दीये जलाने का आह्वान किया। इससे पहले मोदी ने जब पहली बार 21 दिन के बंद की घोषणा की तो उनके इस संबोधन को रिकॉर्ड 19.

3 करोड़ लोगों ने देखा। बार्क के मुख्य कार्यकारी सुनील लुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मंगलवार को राष्ट्रव्यापी बंद को 19 दिन बढ़ाने की घोषणा की। उनके इस 25 मिनट के संबोधन का प्रसारण 199 प्रसारण कंपनियों ने किया। सभी दर्शकों की संख्या के आधार पर गणना की जाए तो इस प्रसारण को चार अरब मिनट देखा गया। यह भी एक रिकॉर्ड है। परिषद ने कहा कि 12 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह तक टीवी देखने का आंकड़ा कोविड-19 से पहले की तुलना में 38 प्रतिशत बढ़ा। 

लुल्ला ने संकेत दिया कि इसकी वजह राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता दूरदर्शन के दर्शकों की संख्या में इजाफा है। बंद के दौरान दूरदर्शन ने रामायण और महाभारत का प्रसारण दोबारा शुरू किया है जिसकी वजह से उसके दर्शकों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सामान्य मनोरंजक चैनलों के दर्शकों की संख्या दूरदर्शन की वजह से बढ़ी है। हालांकि, इसका एक दूसरा पहलू भी है। दर्शकों की संख्या जहां बढ़ी है वहीं इस दौरान विज्ञापनों में गिरावट आई है। इस दौरान विज्ञापनों के समय में कुल 26 प्रतिशत की कमी आई।

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