RBI ने 5,000 और 10,000 के नोट जारी करने का प्रस्ताव दिया था: अरुण जेटली
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का वास्तविक प्रस्ताव ऊच्च मूल्य के करेंसी नोट निकालने का था जिनमें 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोट शामिल थे। लेकिन केंद्र ने आखिरकार 2,000 रुपये के करेंसी नोट
नई दिल्ली: वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का वास्तविक प्रस्ताव ऊंचे मूल्य के करेंसी नोट निकालने का था जिनमें 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोट शामिल थे। लेकिन केंद्र ने आखिरकार 2,000 रुपये के करेंसी नोट के साथ जाने का फैसला किया। जेटली इंडिया टीवी के शो ‘आप की अदालत’ में रजत शर्मा के सवालों के जवाब दे रहे थे। इस कार्यक्रम का प्रसारण शनिवार रात 10 बजे इंडिया टीवी पर हुआ। जेटली से पूछा गया था कि केंद्र ने 2,000 रुपये के करेंसी नोट निकालने का फैसला क्यों किया जबकि बाबा रामदेव ने ऊंचे-मूल्य के करेंसी नोट्स को बंद करने की मांग की थी।
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उन्होंने कहा, “आरबीआई का ऑरिजनल प्रपोजल था 5,000 और 10,000 का नोट जारी करने का क्योंकि इन्फ्लेशन बढ़ सकती थी और दूसरा लाने- ले-जाने में आसानी हो सकती थी। एक बड़ा तर्क ये था कि जब हम रिप्लेसमेंट करेंसी देंगे तो रिप्लेसमेंट तुरंत उपलब्ध होना चाहिए। आज जबकि इतनी तकलीफ है 2000 के नोट बैंकों के पास भरपूर पड़े हुए हैं। अगर तीन-चार दिन में लोग 2000 के नोट ले लेंगे तो बैंकों में कोई लाइन नहीं लगेगी क्योंकि रिप्लेसमेंट आसान रहता है। जहां तक नए एक हजार रुपये नोट की बात है ये सुझाव पेंडिंग है और बाद में उसपर विचार करेंगे।‘’
ब्लैकमनी का कारोबार किसी का मौलिक अधिकार नहीं
जेटली ने यह भी खुलासा किया कि एक बैंक के चेयरपर्सन ने उनसे आज कहा कि प्रधानमंत्री जन धन बैंक अकाउंट्स में पिछले तीन दिन में करीब 300 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। ‘’आप बिल्कुल मान लीजिए ब्लैकमनी में अब कारोबार करना इस देश में किसी का मौलिक अधिकार नहीं है।‘’
किसी को रियायत देने का सवाल नहीं
वित्तमंत्री ने यह भी बताया कि कई किसान संगठनों, चाय बगान में काम करने वालों, और मंदिर व्यवस्थापकों ने 500 और 1000 रुपये के करेंसी नोटों के ट्रांजैक्शन में रियायत देने की प्रार्थना की थी। जेटली ने कहा कि इस प्रकार की और रियायत देने का सवाल ही पैदा नहीं होता था, क्योंकि यदि ऐसा होता तो काला धन खत्म करने के मुख्य उद्देश्य पर ही पानी फिर जाता। उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां भी छूट की मांग करतीं।’
वित्तमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा 8 नवंबर की रात को नोटबंदी की घोषणा के तुरंत बाद एक राज्य में कुछ दुकानें रात भर खुली रहीं ताकि काला धन रखने वाले अपने पैसों को सोने में बदल सकें। उन्होंने कहा कि इसी तरह ऊंचे दाम वाले रेलवे टिकट खरीदने के लिए भी काफी रकम खर्च की गई, ताकि रिफंड से पैसे वापस मिल सकें।
ATM को पूरी तरह सुचारू होने में 2-3 हफ्ते लगेंगे
वहीं एटीएम को नई करेंसी के मुताबिक सुचारू रूप से क्रियाशील बनाने जेटली ने कहा कि इसमें दो से तीन हफ्ते का समय लगेगा। उन्होंने कहा, ‘’ये कहना कि आपने एक बड़ा फैसला ले लिया, एक बटन दबा दिया और सारी मशीनें चल जाएंगी, दुनिया ऐसे नहीं चलती।‘’वहीं जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि यह तैयारी पहले से क्यों नहीं की गई थी तो जेटली का जवाब था कि इस योजना को गुप्त रखने के लिए ऐसा किया गया।
कार्ययोजना को बेहद गुप्त रखा गया
जेटली ने खुलासा किया कि केवल प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, वित्त मंत्रालय के एक दो अधिकारी और आरबीआई को विमुद्रीकरण की इस कोशिश का पता था। 8 नवंबर की शाम 6 बजे आरबीआई ने विमुद्रीकरण का औपचारिक प्रस्ताव सरकार को भेजा। 7 बजे शाम में कैबिनेट को इस फैसले से अवगत कराया गया, 8 बजे जब प्रधानमंत्री देश को संबोधित कर रहे थे उस समय तक सभी मंत्री अंदर कमरे में ही रहे।
केजरीवाल के बयानों की विश्वसनीयता नहीं
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के इस आरोप पर कि सत्तासीन पार्टी के कुछ लोग नोटबंदी के बारे में पहले से जानते थे, जेटली ने कहा, ''उनके बयानों की मेरी समझ में कोई विश्वसनीयता नहीं है। मैंने स्वयं पता लगाया कि हाल के महीनों में किन बैंकों में ज्यादा डिपॉजिट हुई है तो पता चला कि 31 अगस्त से 15 सितंबर के बीच बैंकों में अचानक जमा राशि बढ़ गई लेकिन ये सारा पे कमीशन का बकाया था।''
पॉलिटिकल फंडिंग में पारदर्शिता आएगी
जेटली ने कहा, ‘राजनीतिक पार्टियों को अब अपना फंडिंग सिस्टम बदलना होगा।’ जेटली ने कहा, ''उन दोनों (मायावती और मुलायम सिंह) की तकलीफ मैं समझ सकता हूं... हमारा कोई भी राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। हां, एक राजनीतिक प्रभाव जरूर पड़ेगा, जिस स्वीकार करने में मुझे कोई इनकार नहीं, कि इस निर्णय से सभी दल, मेरा दल में भी पॉलिटिकल फंडिंग ट्रांसपैरेंट हो जाएगी। ये दुर्भाग्य की बात है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में यहां कोई पारदर्शी फंडिंग मैकनिज्म नहीं है। अगर इससे राजनितिक लाभ हो जाता है तो इससे देश की बड़ी सेवा होगी। नवीन पटनायक और नीतीश कुमार ने हमारे फैसले का समर्थन किया है। कुछ दल तो विरोध के लिए विरोध करेंगे।''
रजत शर्मा के शो आप की अदालत में अरुण जेटली, का प्रसारण शनिवार रात 10 बजे इंडिया टीवी पर हुआ।