नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नए कृषि कानून से कृषि उपज बाजार मंडियों (APMC) के खत्म होने की जो बात कही जा रही है वह पूरी तरह से मिथक है और नया कानून मंडियों को समाप्त करने की बात नहीं करता, उन्होंने कहा कि मंडियां पहले की तरह चलती रहेंगी। रविशंकर प्रसाद ने बताया कि नया कानून किसानों को अपनी फसल को कहीं भी बेचने की आजादी देता है किसान चाहे अपनी फसल मंडी में बेचे या बाहर, जो भी किसान को फसल का सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर।
गौरतलब है कि नए कृषि कानून के खिलाफ पंजाब से आए किसान दिल्ली के पास धरने पर बैठ गए हैं, कुछ किसान नेता कह रहे हैं कि नए कृषि कानून से मंडियां समाप्त हो जाएंगी। हालांकि नए कृषि कानून में ऐसा कहीं भी नहीं कहा गया है कि APMC को खत्म किया जाएगा। पुरानी व्यवस्था में किसान को अपनी फसल मंडी मे बेचने के बाध्य होना पड़ता था और मंडी में फसल बेचने के लिए उसे बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन अब सरकार ने मंडियों में फसल बेचने की बाध्यता खत्म कर दी है। किसान कहीं भी अपनी फसल बेच सकता है, जहां उसे अपनी फसल का सही दाम मिलेगा वहीं पर वह फसल बेच सकता है, फिर चाहे वह मंडी हो या मंडी के बाहर कोई और जगह।
नया कृषि कानून किसान को फसल बुआई के समय ही कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए फसल के भाव की गारंटी भी देता है। फसल खरीदार और किसान के बीच में बुआई के समय ही कॉन्ट्रेक्ट हो जाएगा, बदले में खरीदार किसान को उचित बीज, खाद और फसल की देखभाल की सुविधा भी मुहैया कराएगा। किसान को यह सुविधा भी है कि वह अगर कॉन्ट्रेक्ट तोड़ता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी।
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