नयी दिल्ली: सोशल मीडिया मंच फेसबुक को लेकर चल रहे विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि कुछ लोग समझते हैं, कि इस सार्वजनिक मंच पर उनका एकाधिकार होना चाहिए, भले ही उनका राजनितिक वजूद खत्म हो गया हो। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि अगर कोई मंच जनता का मंच है तो हर विचार के लोगों को वहां अपनी बात रखने का हक है।
उल्लेखनीय है कि जब से ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने खबर प्रकाशित की थी कि फेसबुक भाजपा के कुछ नेताओं पर घृणा भरे भाषण के नियमों को लागू करने में अनदेखी करता है, तब से कांग्रेस और भाजपा में वाक् युद्ध जारी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाए थे कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से ‘‘फर्जी सूचना’’ फैलाते हैं।
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रसाद ने कहा कि जो ‘वॉल स्ट्रीट जनरल’ में खबर छपी है वह विषय फेसबुक का है। उन्होंने कहा कि फेसबुक अपना तय करे, उनकी अपनी पॉलिसी है, उनका अपना सिस्टम है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के समर्थन में लिखे गए 700 से अधिक पोस्ट भी हटा दिए गए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर पब्लिक प्लेटफॉर्म है तो लोगों को अपनी बात रखने का अधिकार है। हर विचार के लोगों को वहां अपनी बात रखने का हक है। लेकिन एक कड़वी सच्चाई ये भी है जिसे हमें समझना चाहिए। कुछ लोग समझते हैं, कि पब्लिक प्लेटफार्म पर उनकी मोनोपोली होनी चाहिए, भले ही उनका राजनितिक वजूद खत्म हो गया है।’’
घृणा भरे भाषण संबंधी आरोपों के जवाब में प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को उनके पूर्व के बयानों की याद दिलाई जिनमें सोनिया गांधी ने ‘‘आर-पार की लड़ाई होगी’’ कहा था जबकि राहुल गांधी ने एक जनसभा में कहा था ‘‘देश के लोग प्रधानमंत्री को डंडे मारेंगे’’। केंद्रीय मंत्री ने पूछा, ‘‘यह घृणा भरे भाषण हैं या नहीं?’’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी यह समझते हैं जो उनके लायक काम नहीं करता, वह आरएसएस और भाजपा के दबाव में है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बारे में क्या कहा जाए, देश की जनता उसका जवाब देगी।’’
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