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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'आप की अदालत' में रविशंकर प्रसाद : दंगाई को उसके धर्म की परवाह किए बिना दंडित किया जाना चाहिए

'आप की अदालत' में रविशंकर प्रसाद : दंगाई को उसके धर्म की परवाह किए बिना दंडित किया जाना चाहिए

केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि दंगाई को उसके धर्म की परवाह किए बिना दंडित किया जाना चाहिए। रविशंकर प्रसाद इंडिया टीवी पर आज रात प्रसारित होने वाले शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे।

नई दिल्ली: केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि दंगाई को उसके धर्म की परवाह किए बिना दंडित किया जाना चाहिए। रविशंकर प्रसाद इंडिया टीवी पर आज रात प्रसारित होने वाले शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे। 

केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि दिल्ली में हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगे अचानक से नहीं हुए बल्कि ये पूर्व-नियोजित थे। उन्होंने कहा, 'दिल्ली में जो दंगे हुए वे अचानक नहीं हुए। ऐसा नहीं कि अचानक ये दंगे भड़के। कहीं न कहीं इसकी तैयारी चल रही थी। क्योंकि कॉरपोरेटर के मकान में तेजाब, पेट्रोल बम, गुलेल, नुकीले पत्थर एक दिन में एकत्रित नहीं होते।

यह पूछे जाने पर कि दिल्ली चुनावों के दौरान 'देश के गद्दारों को, गोली मारो.....' का नारा लगाने वाले एक केंद्रीय मंत्री (अनुराग ठाकुर) के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'ये ठीक नहीं है। हमारी पार्टी में एक इंटरनल सिस्टम है। गृहमंत्री अमित शाह ने पब्लिकली कहा है कि इस तरह के नारे ठीक नहीं हैं।' हालांकि रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयानों पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा, 'सोनिया गांधी ने रामलीला मैदान में कहा कि अब ''इस पार या उस पार'' की लड़ाई होगी। यह कौन की भाषा है? वह इस पार्टी की 20 साल से अध्यक्ष हैं। एक प्रधानमंत्री की पत्नी रह चुकी हैं और एक प्रधानमंत्री की बहू रही हैं। ऐसी पार्टी जो मुल्क पर 50 साल से ज्यादा राज कर चुकी है। और आप कहेंगी इस पार या उस पार होगा? इस मामले में सबको सोचना पड़ेगा। 

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'देश के कानून मंत्री के तौर पर मैं यहां आश्वासन देना चाहता हूं, देश से किसी भी अल्पसंख्यक को निकाला नहीं जाएगा।' उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं आपसे एक सवाल भी पूछना चाहता हूं। क्या अमेरिका कोई ऐसे ही घुस सकता है? या तो नागरिक बनना पड़ेगा या वीजा लेकर जाना पड़ेगा। क्या इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन आप ऐसे ही जा सकते हैं? मैं इन देशों का नाम इसलिए ले रहा हूं क्योंकि ये जम्हूरियत वाले मुल्क हैं। वहां नागरिकता की सूची रखते हैं तो ठीक बात है.. पर यहां पर उसकी बात तक करते हैं, तो गलत बात है?

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