नई दिल्ली। इंडिया टीवी के साथ विशेष बातचीत में केंद्रीय आईटी एंड टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश को लेकर हर कन्फ्यूजन को दूर किया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नियमों का पालन जरुरी है, नियमों का पालन नहीं करने पर सख्ती करेंगे। भारत में करीब 140 करोड़ यूजर्स हैं सोशल मीडिया के, फेसबुक के, लिंकडिन के, ट्विटर के, वाट्सएप इत्यादि के। उनका स्वागत है आइए भारत में व्यापार करिए पैसे कमाइए और आपने जनता को आवाज दी है उसका भी अभिनंदन है।
ग्रीवांस रीड्रेसल सिस्टम लागू करना होगा
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बोलने की आजादी जरूरी तो देश की संप्रभुता भी जरूरी है। ग्रीवांस रीड्रेसल सिस्टम लागू करना होगा और ग्रीवांस अफसर की नियुक्ति करनी होगी। रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जज इस ग्रीवांस रिड्रेसल और सेल्फ रेगुलेशनल मैकेनिज्म का हिस्सा होंगे। आपत्तिजनक कंटेंट 24 घंटे में हटाना होगा। शिकायत का निपटारा 15 दिन में करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार क्रिटिसिज्म का स्वागत करती है। हम सोशल मीडिया को सशक्त करना चाहते हैं, लेकिन इसको एब्यूज और मिसयूज के लिए इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा।
सोशल मीडिया को वेरिफिकेशन का सिस्टम बनाना होगा- रविशंकर प्रसाद
एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कुछ लोगों का काम मोदी की आलोचना करना है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं जिससे बोलने की आजादी बाधित हो। मोदी जी आलोचना से नहीं घबराते हैं, कुछ लोगों का काम मोदी की आलोचना करना है। सोशल मीडिया को वेरिफिकेशन का सिस्टम बनाना होगा। सरकार बोलेने की आजादी और मीडिया की आजादी की समर्थक है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि गड़बड़ी फैलाने वाले खुराफाती कंटेंट का पहला यूजर या ओरिजिनेटर कौन हैं वो भी सोशल मीडिया कंपनी को बताना पड़ेगा। इसके साथ ही अनलॉफुल एक्टिविटी को तुरंत हटाना होगा, कंटेंट फैक्ट चैक करना होगा।
'यूजर्स को अपनी पहचान बतानी होगी'
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि सोशल मीडिया को भारत का ध्यान रखना होगा। सोशल मीडिया का डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेगा। सोशल मीडिया पर यूजर्स को अपनी पहचान बतानी होगी। खुराफाती ट्वीट किसने किया बताना होगा। ऐसा कोई प्रावधान नहीं जिससे बोलने की आजादी बाधित हो। रविशंकर प्रसाद ने साफ-साफ कहा कि सोशल मीडिया और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म के लिए जारी नई गाइडलाइंस से अभिव्यक्ति की आजादी पर कोई आंच नहीं आएगी। यानि सरकार की आलोचना करना, नीतियों का विरोध करना कोई जुर्म नहीं होगा लेकिन झूठ और अफवाह फैलाने वालों को रोका जाएगा और पकड़ा जाएगा।
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