नई दिल्ली. रविशंकर प्रसाद ने महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सवाल किया कि सचिन वाजे सालों तक सस्पेंड था। वो सालों के बाद कोरोना काल में नियुक्त किया गया। बीजेपी की तरफ से पहला सवाल ये है कि उनकी नियुक्ति किसके दबाव में की गई। किसका दबाव था, शिवसेना, मुख्यमंत्री या शरद पवार। उन्होंने कहा कि बीजेपी का सवाल ये है कि सदन के अंदर और बाहर सचिन वाजे के रोल को डिफेंड किया गया। जो 2008 से शिवसेना का मेंबर है उसे किसके दबाब में पुलिस फोर्स में शामिल किया गया।
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शरद पवार पर भी उन्होंने सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि शरद पवार का क्या रोल है। वो तो सरकार का हिस्सा नहीं हैं, तो क्यों एक पुलिस कमिश्नर उन्हें ब्रीफ क्यों कर रहा था। 100 करोड़ रुपये की उगाई एक अपराध है। अगर शरद पवार को पुलिस कमिश्नर ब्रीफ कर रहे हैं तो वो क्यों कर रहे हैं, और अगर इस गंभीर आरोप के बारे में ब्रीफ कर रहे हैं तो उन्होंने इसे रोकने के लिए क्या एक्शन लिया। उन्होंने कहा कि शरद पवार की खामोशी बहुत गंभीर सवाल उठाती है। उद्धव ठाकरे की शांति क्या कहती है। सदन के अंदर सचिन वाजे को डिफेंड करना और बड़ा सवाल उठाता है।
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रविशंकर प्रसाद ने कहा के ये बहुत सीरियस मैटर है। एक API को मुख्यमंत्री सदन के अंदर और बाहर डिफेंड करता है। राज्य का गृह मंत्री उससे 100 रुपये की उगाही के लिए कहता है। बीजेपी आउट साइड एजेंसी के जरिए जांच की मांग करती है। बीजेपी जानने चाहती है कि सचिन वाजे से और कितने गंदे काम कराए गए हैं। उन्होंने पूछा कि सचिन वाजे की बचाने की क्या मजबूरी थी, उसके पेट में क्या-क्या सीक्रेट हैं, ये हम जरूर जानना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि 2008 में सचिन वाजे शिवसेना में आता है, कोरोना में उसे पुलिस में लिया जाता है। ये षडयंत्र बहुत ज्यादा फैला हुआ है। ये हमारी आशंका है कि पूरी महाराष्ट्र सरकार सचिन वाजे को बचा रही है।
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रविशंकर ने आगे कहा कि ये जो गृह मंत्री पर जो आरोप लगा है, वो वसूली अपने लिए कर रहे थे या अपनी पार्टी एनसीपी के लिए कर रहे थे या फिर पूरी सरकार के लिए कर रहे थे। इसपर शरद पवार, उद्धव ठाकरे को भी जवाब देना होगा। अगर मुंबई से 100 करोड़ का टारगेट था तो पूरे महाराष्ट्र का टारगेट क्या था, ये भी देश को बताना जरूरी है और अगर एक मंत्री का ये टारगेट था तो औऱ मंत्रियों का क्या टारगेट था। उन्होंने कहा कि ये करप्शन नहीं है, इसे कहते हैं ऑपरेशन लूट। सरकारी तंत्र का गलत उपयोग करो और जनता के पैसे लूटो।
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