रांची। झारखंड की रांची कोर्ट ने अपने उस आदेश को बदल दिया है जिसमें छात्र ऋचा भारती को जमानत के लिए कुरान की 5 कॉपियां बांटने का आदेश दिया गया था। अब कोर्ट ने कुरान की कॉपियों को बांटने की शर्त को हटा दिया है और इस शर्त के बिना ही ऋचा की जमानत को बरकरार रखा है।
झारखंड की राजधानी रांची की एक स्थानीय अदालत ने अनूठा आदेश सुनाते हुए 19 वर्षीय एक छात्रा को कुरान शरीफ की प्रतियां बांटने को कहा था। छात्रा को यह आदेश सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने के मामले जमानत की शर्त की तौर पर दिया गया था। छात्रा से कहा गया था कि वह शहर में अलग-अलग संस्थानों को कुरान शरीफ की 5 प्रतियां बांटे। बाद में छात्रा ने इस आदेश पर सवाल उठाए और कहा कि वह इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगी। अब छात्रा को इस मुद्दे पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का साथ मिल गया है।
छात्रा के वकील राम प्रवेश सिंह ने बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) मनीष कुमार सिंह ने सोमवार को छात्रा की जमानत मंजूर करते हुए ऋचा भारती को आदेश दिया कि वह पुलिस की मौजूदगी में स्थानीय अंजुमन समिति को पवित्र कुरान की एक प्रति और शहर के विभिन्न पुस्तकालयों में इसकी 4 प्रतियां बांटे। उन्होंने बताया कि मजिस्ट्रेट ने एक पखवाड़े के भीतर इसकी पावती सौंपने का भी निर्देश दिया है। ऋचा ने कहा कि वह अदालत के आदेश का सम्मान करती है और उसे अभी आदेश की प्रति नहीं मिली हैं।
फैसले के बारे में पीटीआई से बात करते हुए ऋचा ने कहा था, ‘मुझे अभी आदेश की प्रति नहीं मिली है। मैं अदालत के आदेश का सम्मान करती हूं, लेकिन मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। मैं अपने परिवार और वकील से परामर्श लूंगी कि क्या मैं (निचली अदालत के आदेश को) हाई कोर्ट में चुनौती दे सकती हूं?’ ऋचा के पिता प्रकाश पटेल ने कहा, ‘हमें शाम साढ़े पांच बजे तक आदेश की प्रति नहीं मिली है। यह मिलने के बाद हम वकील से परामर्श करेंगे और कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे। हमारा न्यायपालिका में पूरा विश्वास है।’
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