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डेरे के ताजा फैसले से सबसे बड़ा झटका हनीप्रीत को लगा है क्योंकि हनीप्रीत राम रहीम की सबसे खास थी। कहा जाता है कि राम रहीम ने हनीप्रीत से ये वादा किया था कि वो उसे डेरा की गद्दी सौंप देगा इसीलिए हनीप्रीत को पहले राम रहीम ने गोद लिया और फिर उसे डेरा में सबसे अहम जिम्मेदारी दी गई। हनीप्रीत से नजदीकियों के चक्कर में बाबा अपने परिवार तक को भूल गया था। लेकिन अब उसका डेरा चीफ बनने का सपना चूर चूर हो चुका है। डेरे से हनीप्रीत को निकाला जा चुका है। वह अगर चाहे भी तो डेरे में वापसी नहीं कर सकती है।
डेरे की गद्दी के दावेदारों में जसमीत, हनीप्रीत के अलावा एक और अहम नाम है और वो नाम है विपासना का। विपासना इस वक्त डेरे में सबसे ज्यादा ताकतवर महिला है। विपासना डेरा का पूरा मैनेजमेंट संभाल रही है। एक तरीके से डेरा की कमान विपासना के हाथ में ही है। डेरे से जुड़े लोग ये बताते हैं कि विपासना के आंखों में भी हनीप्रीत खटकती थी शायद इसीलिए बाबा के जेल जाने के बाद हनीप्रीत को डेरे से बेदखल करने का फरमान जारी किया गया था लेकिन जसमीत का प्रेस नोट विपासना की दावेदारी पर ब्रेक लगा चुका है और अब ये साफ है कि राम रहीम का अदृश्य हाथ डेरे को चलायेगा।
डेरा से जुड़े लोग अब भी डैमेज कंट्रोल कर रहे हैं। रेपिस्ट राम रहीम के जेल जाने के बाद सोशल मीडिया के जरिए कैंपेनिंग चलाई जा रही है और ये कहा जा रहा है कि भक्त डेरे पर आस्था बनाएं रखें और दुष्प्रचार से बच कर रहे हैं। कहा ये भी जा रहा है कि राम रहीम अगर जेल से बाहर जमानत पर आ गया तब अगले डेरा मुखी के बारे में फैसला हो सकता है। हालांकि तब भी राम रहीम की राय सबसे अहम होगी।
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