अयोध्या। रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले से पहले राम की नगरी अयोध्या छावनी में बदल गयी है। जमीन से आसमान तक पुलिस निगरानी की व्यवस्था की गयी है। शहर के हर चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। आसमान से ड्रोन कैमरे चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं।
अयोध्या की सुरक्षा के प्रभारी एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने 'भाषा' से फोन पर विशेष बातचीत में बताया, ''अयोध्या में सुरक्षा के लिये 60 कंपनी पीएसी और अर्धसैनिक बल तैनात किए गये हैं। इसमें 15 कंपनी पीएसी, 15 कंपनी सीआरपीएफ और 10 कंपनी आरएएफ हाल में अयोध्या आयी है जबकि 20 कंपनी पीएसी पहले से ही यहां तैनात थी। इसके अलावा दूसरे जनपदों से आये सुरक्षाकर्मियों में 1500 सिपाही, 250 सब इंस्पेक्टर, 150 इंस्पेक्टर, 20 डिप्टी एसपी, 11 एडिशनल एसपी तथा दो एसपी तैनात किये गये हैं। इसके अलावा अयोध्या के विभिन्न थानों में तैनात सुरक्षा बल तो पहले से ही यहां पर है।’’
इसके साथ ही आसमान से निगरानी के लिये कैमरे युक्त 10 ड्रोन तैनात किए गए हैं। शहर के सभी 30 चौराहों पर सीसीटीवी लगाये गये हैं। इनकी निगरानी के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने एक हेलीकॉप्टर भी अगले आदेश तक अयोध्या में रखने के निर्देश दिये हैं, ताकि आपात स्थिति में उसकी सेवा ली जा सके।
आईपीएस आशुतोष पांडेय पहले अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस रह चुके हैं और शहर के चप्पे-चप्पे तथा मिजाज से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। इसके अलावा नवंबर 2018 में अयोध्या में धर्म संसद के आयोजन के दौरान उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इन्हीं की थी।
पांडेय ने बताया कि जिस स्थान पर रामलला विराजमान हैं उसके आसपास के इलाके को 'यलो जोन' बनाया है और वहां पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा व्यवस्था को काफी मजबूत किया गया है। इस इलाके में राम लला के दर्शन करने जा रहे लोगों की गहन जांच की जा रही है और हर व्यक्ति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पूरे अयोध्या शहर को तीन जोन, 31 सेक्टर और 35 सब सेक्टर में बांटा गया है।
उन्होंने बताया कि रामलला के दर्शन के लिये अधिक लोगों के आ जाने पर शहर के बाहर होल्डिंग एरिया बनाया गया है, जहां दर्शनार्थियों के जत्थों को रोका जायेगा और उन्हें छोटे-छोटे समूहों में दर्शन करने के लिये भेजा जायेगा ताकि एकदम से अयोध्या में भीड़ ना बढ़े।
शहर के बाहर पार्किंग के लिये भी कई स्थान चिन्हित किये गये हैं ताकि बाहर से आने वाले वाहनों को वहां रोका जा सकें और वहां से श्रद्धालुओं को पैदल दर्शन करने के लिये भेजा जा सके। पांडेय ने बताया कि अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए आने पर कोई रोक नहीं है और रोजाना हजारों की तादाद में लोग आ रहे हैं।
Latest India News