इंदौर: 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की कट्टर समर्थक रहे पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी का अब उनसे मोहभंग हो गया है। राम जेठमलानी ने अब गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी सरकार की पैरवी की है। राम जेठमलानी ने अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे की पैरवी की है वो भी पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व में। 95 वर्षीय वरिष्ठ वकील ने इंदौर प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि जर्मनी और अन्य मुल्कों में जमा काले धन को भारत वापस लाने में कांग्रेस एवं भाजपा की अगुवाई वाली सरकारों ने जान-बूझकर रुचि नहीं दिखायी और इस मुद्दे पर जनता के साथ छल का "साझा जुर्म" किया है। लिहाजा देश को "ईमानदार नेताओं वाले तीसरे मोर्चे" की जरूरत है।
जेठमलानी ने कहा, "मैं चाहता हूं कि अगले चुनावों में नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिये ममता तीसरे मोर्चे की अगुवाई करें। ममता में देश का अगला प्रधानमंत्री बनने की योग्यता है।" पूर्व भाजपा नेता ने काले धन पर अंकुश लगाने के संबंध में मोदी सरकार की नीतियों को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली की तीखी आलोचना भी की और कहा कि इस सरकार को सत्ता में रहने का हक नहीं है। इससे पहले तेलंगाना के सीएम केसीआर, झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन भी तीसरे मार्चे की वकालत कर चुके हैं।
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