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राम जेठमलानी ने मोदी सरकार पर किया हमला, कहा नहीं लाएगी विदेशों से काला धन

नई दिल्ली: प्रसिद्ध विधिवेत्ता राम जेठमलानी ने आज उच्चतम न्यायालय में राजग सरकार और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर आरोप लगाया कि वह विदेशों में जमा काला धन वापस लाने में विफल रही है। जेठमलानी ने

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नई दिल्ली: प्रसिद्ध विधिवेत्ता राम जेठमलानी ने आज उच्चतम न्यायालय में राजग सरकार और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर आरोप लगाया कि वह विदेशों में जमा काला धन वापस लाने में विफल रही है। जेठमलानी ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष और वित्त मंत्री की आलोचना की।

प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष काले धन के मुद्दे को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जेठमलानी ने कहा, मुझे संदेह है कि दोनों ही पक्षों ने गलत किया है और दोनों ही पक्षों ने छल की स्थिति बनाये रखी है। जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके निकट सहयोगी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी नहीं बख्शा और उन पर आरोप लगाया कि वे काला धन वापस लाने के चुनावी वायदे पर विफल हो गये हैं।

उन्होंने कहा कि एक टीवी चैनल को पांच फरवरी, 2015 को दिये गये शाह के उस इंटरव्यू से यह एकदम स्पष्ट है जब उन्होंने कहा कि 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान काला धन वापस लाने का मोदी का वायदा राजनीतिक जुमला था।

जेठमलानी ने कहा कि शाह इस बयान से मुकरे नहीं है। वित्त विभाग भी इस बयान से पीछे नहीं हटा है। प्रधानमंत्री भी इस बयान से पलटे नहीं है। जेठमलानी ने कहा कि अनुमान यही है कि इन दोनों भद्रपुरूषों, पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष और प्रधानमंत्री एक दूसरे से सहमत हैं।

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खंडपीठ के समक्ष शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एम बी शाह की अध्यक्षता वाले विशेष जांच दल ने काले धन के मामले में हुयी प्रगति पर सीलबंद लिफाफे में अपनी तीसरी रिपोर्ट पेश की।

जेठमलानी ने मोदी के चुनावी वायदे का जिक्र करते हुये कहा, मै हतप्रभ हूं, एक व्यक्ति जो 2009 से ही काला धन वापस लाने के लिये संघर्षरत है और मैंने ही ‘अवतार’ के रूप में मोदी का उल्लेख किया था। जेठमलानी ने वित्ती मंत्री अरुण जेटली का नाम लिये बगैर ही उन पर भी हमला किया।

उन्होंने कहा कि ‘मासूम वित्त मंत्री’ के हवाले से कहा गया है कि भारत ने काले धन की किसी पनाहगाह की पहचान नहीं की है। उन्होंने कहा कि यह संप्रग सरकार में वित्त मंत्री के रूप में प्रणब मुखर्जी के कथन से एकदम विपरीत है। उन्होंने एक श्वेत पत्र जारी किया था जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत ने ऐसे 45 स्थानों की पहचान की है।

जेठमलानी ने कहा, मैं इसे काले धन पर काला पत्र कहता हूं। उन्होंने कहा, यह परिस्थितिजन्य साक्ष्य है कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। इन लोगों को शर्म नहीं आ रही कि वे क्या कर रहे हैं। उन्होंने विशेष जांच दल की कार्यशैली की भी आलोचना की और कहा, जांच दल में ऐसे लोग भरे हैं जो पिछले सरकार के बफादार हैं। जेठमलानी ने विशेषरूप से सीबीडीटी की अध्यक्ष अनिता कपूर की आलोचना की जो शीर्ष अदालत के आदेश की वजह से जांच दल की पदेन सदस्य हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में उन्होंने दूसरे देशों के अधिकारियों के साथ पत्राचार के 17 पत्र सौंपे थे और पर इन्हें लिखने वालों के नाम और पतों पर स्याही लगा दी गयी थी। जेठमलानी ने कहा कि उन 17 में से अधिकतर पत्रों पर हस्ताक्षर उनके अनिता के हस्ताक्षर थे। देश का दुर्भाग्य है कि इस सरकार ने उन्हीं लोगों को बनाए रखा है जो पिछली सरकार के साथ थे और वे आज एसआईटी में बैठे है। वे देश के नहीं बल्कि अपने आकाओं के प्रति वफादार हैं।

जेठमलानी जब सीबीडीटी की अध्यक्ष पर उन्हें दस्तावेज नहीं देने के आरोप लगा रहे थे तो पीठ ने कहा कि उन पर दोष नहीं मढा जा सकता है क्योंकि हमने ही विशेष जांच दल को दस्तावेज देने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने कहा कि आप अनिता कपूर से यह नहीं मांग सकते। आप विशेष जांच दल से मांग सकते हैं। आप अनिता कपूर से संपर्क नहीं कर सकते बल्कि उन्हें विशेष जांच दल से संपर्क करना होगा।

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