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Hindi News भारत राष्ट्रीय Ghazipur Border: मास्टर बन टिकैत ने ली क्लास, बच्चों को पढ़ाया और पूछे कई सवाल, ये काम करने को कहा

Ghazipur Border: मास्टर बन टिकैत ने ली क्लास, बच्चों को पढ़ाया और पूछे कई सवाल, ये काम करने को कहा

भारतीय किसान यूनियन के मीडिया इन चार्ज धर्मेंद्र मलिक ने प्रेस वार्ता में बताया कि राकेश टिकैत ने न सिर्फ बच्चों को अक्षर (alphabets) और अंकों (numbers) के बारे में पढ़ाया बल्कि पिछले एक-डेढ़ महीने में उनके द्वारा इस स्कूल में जो सीखा उसके बारे में भी पूछा। 

Rakesh tikait turns teacher at kisan andolan ghazipur border Ghazipur Border: मास्टर बन टिकैत ने ली - India TV Hindi Image Source : ANI Ghazipur Border: मास्टर बन टिकैत ने ली क्लास, बच्चों को पढ़ाया और पूछे कई सवाल

गाजीपुर बार्डर. दो महीने से ज्यादा समय से देश की राजधानी नई दिल्ली की तीन प्रमुख सीमाओं पर किसान संगठनों का आंदोलन जारी है। गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाली गाजीपुर बार्डर पर पश्चिमी यूपी के किसान नेता राकेश टिकैत इस धरने का नेतृत्व कर रहे हैं। अब तक राकेश टिकैत अब अक्रामक अंदाज और जनता से कनेक्ट करने वाले बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं लेकिन सोमवार को राकेश टिकैत धरना स्थल पर नए अवतार में नजर आए। राकेश टिकैत सोमवार को गाजीपुर बार्डर पर एक अस्थायी स्कूल में छोटे बच्चों को पढ़ाते नजर आए।

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भारतीय किसान यूनियन के मीडिया इन चार्ज धर्मेंद्र मलिक ने प्रेस वार्ता में बताया कि राकेश टिकैत ने न सिर्फ बच्चों को अक्षर (alphabets) और अंकों (numbers) के बारे में पढ़ाया बल्कि पिछले एक-डेढ़ महीने में उनके द्वारा इस स्कूल में जो सीखा उसके बारे में भी पूछा। नेक काम में शामिल लोगों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए टिकैत ने कहा, "मैं यहां यह देखने आया था कि वे क्या सीख रहे हैं। यहां मैंने भी उन्हें पढ़ाया है। वे यहां आस-पास के स्लम इलाकों से अध्ययन के लिए आते हैं। मैंने बच्चों से उनके जन्मदिन पर पेड़ लगाने के लिए भी कहा। यह पर्यावरण को साफ करेगा।"

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माता सावित्री बाई फुले महासभा के एक सामाजिक कार्यकर्ता निर्देश सिंह गरीब बच्चों के लिए सावित्री बाई फुले स्कूल चला रहे हैं। धर्मेंद्र मलिक ने बताया, "निर्देश दीदी जनवरी से स्कूल चला रही हैं। पड़ोसी कॉलोनियों के लगभग 90 बच्चे स्कूल में पंजीकृत हैं जो दो शिफ्ट में चलाया जाता है।" राकेश टिकैत ने गरीब बच्चों के लिए "शैक्षिक सुविधाओं की कमी" के लिए सरकार की आलोचना की। राकेश टिकैत ने कहा कि अमीरों के बच्चे एसी स्कूल में पढ़ाई करते हैं और गरीबों को बच्चों को स्कूलों में बैठने के लिए टाट-पट्टी की भी व्यवस्था नहीं है।

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