नई दिल्ली: दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तारी देने से साफ इनकार करते हुए गोली चलने की धमकी भी दी। राकेश टिकैत ने भड़काऊ भाषण देते हुए कहा, "अगर यहां पर कुछ हुआ, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।"
राकेश टिकैत ने कहा, "कोई गिरफ्तारी नहीं देगा, यहां गोली चलेगी। विधायक और BJP के लोगों से गुंडागर्दी करवाई जा रही है। विधायक यहां पर है, 100 आदमी लेकर आया है, हमारे लोगों को पीट रहे हैं।" उन्होंने कहा, "मेरी गिरफ्तारी के बाद में, मेरे साथ या साथियों के साथ में क्या होगा, मुझे यह पता है। कोई गिरफ्तारी नहीं होगी। मैं यहीं फांसी लगाऊंगा।"
राकेश टिकैत ने कहा, "ये लोग मेरे कहने पर आए हैं, मेरी जिम्मेदारी है, मैं देश के किसान को बर्बाद नहीं होने दूंगा। ये बिल वापसी होगा।" उन्होंने रोते हुए कहा, "अगर कानून वापसी नहीं होंगे तो राकेश टिकैत आत्महत्या करेगा।" उन्होंने कहा, "किसान को मारने की साजिश बीजेपी के लाग कर रहे हैं।"
इससे थोड़ी देर पहले भी राकेश टिकैत ने सरेंडर करने से इंकार कर किया था। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि वो सरेंडर नहीं करेंगे। हमारा धरना जारी रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले की घटना के लिए जो जिम्मेदार हैं उनकी कॉल डिटेल निकाली जाए।
राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस धरने पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रहा है। राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने को जायज ठहराया है। उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई है। इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा है।
राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले पर कौन लोग थे, सुप्रीम कोर्ट के जज उसकी जांच करें। कमेटी जांच करे और पता लगाए कि वहां झंडा लगाने वाले कौन थे। बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी, जिसमें दिल्ली पुलिस के सैकड़ों कर्मी घायल हो गए थे।
सूत्रों त्रों के मुताबिक, योगी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस-प्रशासन को किसानों का धरना खत्म कराने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि सूबे के बड़ौत जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के पहले ही बागपत जिले में धरना दे रहे किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। बड़ौत इलाके में किसान बीते 19 दिसंबर से धरने पर बैठे थे।
हालांकि, पुलिस ने धरना जबरन समाप्त कराए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों ने स्वेच्छा से अपना प्रदर्शन खत्म किया है। वहीं, किसानों का कहना है कि पुलिस ने उनके ऊपर लाठियां चलाईं, उनके तंबू हटाए और वहां से खदेड़ दिया।
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