नई दिल्ली: विपक्ष ने रविवार को राज्यसभा में हुए हंगामे के चलते सोमवार को आठ विपक्षी सदस्यों को निलंबित किए जाने को लेकर सरकार पर हमला बोला तथा इस कदम के विरोध में संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। सोमवार को राज्यसभा से निलंबित 8 विपक्षी सांसद रातभर धरने पर बैठे रहे, धरना अब भी जारी है। इस बीच राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश उनके लिए सुबह की चाय और नाश्ता लेकर पहुंचे। बता दें कि उपसभापति से असंसदीय व्यवहार करने की वजह से ही सांसदों को निलंबित किया गया है। इन सांसदों ने रविवार को कृषि बिलों के विरोध में राज्यसभा में हंगामा किया था। सदन की रूलबुक फाड़ दी और माइक तोड़ने की कोशिश भी की थी।
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धरने पर बैठे सांसदों ने अपने-अपने घरों से तकिया और कंबल ही नहीं, बल्कि मच्छर भगाने की दवा भी मंगवा ली। इमरजेंसी के लिए मौके पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है। एक सांसद ने बताया कि विपक्ष के नेताओं के घरों से बारी-बारी से खाने-पीने की चीजें आ रही हैं, ताकि धरने पर बैठे लोगों का शुगर लेवल कम नहीं हो। शिवसेना के संजय राउत, एनसीपी की सुप्रिया सुले, डीएमके की कनिमोझी और तिरुचि सिवा धरना दे रहे सांसदों के लिए इडली लेकर पहुंचे।
निलंबित किए गए आठ सांसदों में कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा), तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य शामिल हैं। निलंबित सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, सीपीआई के ई करीम, आप के संजय सिंह और माकपा के केके रागेश शामिल हैं। संजय सिंह ने कहा, ‘‘देश के किसानों जाग जाओ। भाजपा की सरकार ने आपकी जिंदगी को अडाणी-अंबानी को गिरवी रख दी है। जाग जाओ और इस काले कानून का विरोध करो। हम संसद में प्रदर्शन कर रहे हैं और आप इसके बाहर करो। भाजपा सरकार ने किसानों के खिलाफ काले कानून को पारित किया है। हमें विधेयक का विरोध करने के लिए निलंबित किया गया है।’’
आप नेता ने कहा, ‘‘इसलिए हम यहां धरने पर बैठे हैं और तब तक बैठे रहेंगे जब तक भाजपा सरकार आकर नहीं बताती कि क्यों लोकतंत्र का गला घोंटकर इस काले कानून को पारित किया गया है।’’
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