राजनाथ सिंह की सैनिकों को चेतावनी, सोशल मीडिया के प्रति रहे सचेत
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सशस्त्र सीमा बल (SSB) के सैनिकों को सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले संदेशों के प्रति आगाह किया और चेतावनी दी कि...
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सशस्त्र सीमा बल (SSB) के सैनिकों को सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले संदेशों के प्रति आगाह किया और चेतावनी दी कि जब तक उनकी प्रामाणिकता सत्यापित नहीं हो जाती, तब तक उन पर विश्वास न करें। गृहमंत्री ने एसएसबी के नए इंटेल सेटअप को लॉन्च करते हुए कहा, "जैसा कि आपके पास (एसएसबी) एक खुली सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, मैं आपका ध्यान सामाजिक मीडिया की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। मुझे लगता है कि कई अनावश्यक जानकारियां सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही हैं, जिनका कोई आधार नहीं होता। लेकिन इन पर लोग विश्वास कर रहे हैं और इन्हें आगे भी बढ़ा रहे हैं।" (रोहिंग्या मुद्दे पर बोली ममता बनर्जी, सभी आम लोग आतंकवादी नहीं हैं)
राजनाथ ने कहा कि ऐसे कई राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक तत्व हैं, जो सोशल मीडिया पर संदेशों के जरिए ऐसी गलत गतिविधियों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, जो किसी भी देश और समाज के लिए बहुत खतरनाक हैं। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है, ऐसी गतिविधियों से सावधानी रहने और बचने की आवश्यकता है।" राजनाथ ने एक नई योजना शुरू करने का वादा किया, जिसके जरिए सीएपीएफ के उन जवानों की मदद की जाएगी, जिनके परिवार के सामने अचानक कोई बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है, जिसका वे मुकाबला नहीं कर पाते। राजनाथ ने कहा, "हमारा अगला प्रयास सीएपीएफ जवानों के परिवारों की मदद करना है, जो किसी विशेष प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं। मैं इसके बारे में सोच रहा हूं और निश्चित रूप से कुछ करूंगा।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है, यदि आप (सीएपीएफ अधिकारियों) किसी भी शहीद के परिवार का ख्याल रखते हैं, तो आप न केवल अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं, बल्कि अपने लिए आशीर्वाद भी कमाते हैं।" इस अवसर पर गृहमंत्री ने कल्याण और पुनर्वास बोर्ड (वाईआरबी) एप का शुभारंभ किया और अपने कर्तव्य को निभाते वक्त मारे गए एसएसबी के जवानों के बच्चों को छात्रवृत्ति वितरित की। एसएसबी डीजी ने कहा, "यह मोबाइल एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और उपयोगकर्ता के अनुकूल है।" उन्होंने कहा, "यह राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और जिला स्तर पर वार्ब और इसकी क्षेत्रीय संरचनाओं के साथ बेहतर समन्वय रखने के लिए सेवानिवृत्त कर्मियों की भी मदद करेगा।"