नई दिल्ली. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को विस्तृत वार्ता की, जिसमें द्विपक्षीय रणनीतिक सबंधों को और विस्तार देने, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बदलती स्थिति और आतंकवाद की चुनौती जैसे विषयों पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि बातचीत बहुत ‘‘व्यापक और सार्थक’’ रही। हम भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
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उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी भागीदारी, सूचना साझा करने और साजोसामान संबंधी सहयोग समेत अन्य मुद्दों पर बातचीत की गई। राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना और अमेरिका की हिंद-प्रशांत कमान, मध्य कमान और अफ्रीका कमान के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है। ऑस्टिन तीन देशों की यात्रा के कार्यक्रम के तहत जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा के बाद भारत आए हैं। इस यात्रा को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की क्षेत्र में अपने निकट सहयोगियों एवं साझेदारों के साथ संबंधों को लेकर मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाने की कोशिश के तहत देखा जा रहा है।
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ऑस्टिन शनिवार सुबह राष्ट्रीय समर स्मारक गए और भारत के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। वार्ता से पहले उन्हें विज्ञान भवन परिसर में सलामी गारद दिया गया। ऑस्टिन ने शुक्रवार को दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से वार्ता की। ऑस्टिन ने ट्वीट किया, ‘‘यहां भारत में आकर रोमांचित हूं। दोनों देशों के बीच सहयोग की गहराई हमारी व्यापक रक्षा साझेदारी के महत्व को दर्शाती है और हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर मिलकर काम कर रहे हैं।’’
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ऑस्टिन की यात्रा संबंधी जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि तीन अरब डॉलर से अधिक (अनुमानित) की लागत से अमेरिका से करीब 30 ‘मल्टी-मिशन’ सशस्त्र प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की भारत की योजना पर भी ऑस्टिन और सिंह के बीच चर्चा होने की उम्मीद है। क्वाड समूह की बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने का संकल्प लेने के कुछ दिनों बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री की भारत की यात्रा हो रही है। चार देशों के इस समूह में भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया शामिल हैं।
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