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Hindi News भारत राष्ट्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का तीन दिवसीय लेह-लद्दाख दौरा रविवार से, भारत की तैयारी की समीक्षा करेंगे

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का तीन दिवसीय लेह-लद्दाख दौरा रविवार से, भारत की तैयारी की समीक्षा करेंगे

पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने के अगले चरण को लेकर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच थल सेना प्रमुख के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार से लेह-लद्दाख के तीन दिवसीय दौरे पर भारत की अभियानगत तैयारियों की समीक्षा करेंगे। 

Rajnath Singh, Defence Minister - India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO Rajnath Singh, Defence Minister 

नयी दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने के अगले चरण को लेकर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच थल सेना प्रमुख के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार से लेह-लद्दाख के तीन दिवसीय दौरे पर भारत की अभियानगत तैयारियों की समीक्षा करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में बताया। इस दौरान रक्षा मंत्री चीन से सटी एलएसी पर सेना की तैयारियों का जायजा लेंगे। साथ ही बीआरओ की सड़क और ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। वायुसेना की ऑपरेशनल तैयारियों की भी समीक्षा करेंगे।

थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के साथ सिंह का यह दौरे ऐसे वक्त हो रहा है जब दो दिन पहले भारत और चीन के बीच पिछले साल मई से शुरू सैन्य गतिरोध के समाधन के लिए नए दौर की कूटनीतिक वार्ता हुई है। सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री पूर्वी लद्दाख में ऊंचाई पर स्थित बेस और विभिन्न सैन्य संरचनाओं का जायजा लेने के साथ ही अस्थिर माहौल में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पहरेदारी कर रहे जवानों का मनोबल बढ़ाएंगे। 

सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री को सेना की 14 वीं कोर के लेह स्थित मुख्यालय में पूर्वी लद्दाख में समग्र स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इस कोर को लद्दाख सेक्टर में एलएसी की रक्षा करने का काम सौंपा गया है। एक समझौते के तहत फरवरी में पैंगोंग झील क्षेत्र से भारत और चीन की सेनाओं द्वारा सैनिकों, टैंकों और अन्य साजो-सामान को पीछे हटाने के बाद सिंह का पूर्वी लद्दाख का यह पहला दौरा होगा। हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग समेत टकराव वाले कई स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है क्योंकि चीन इन इलाकों से अपने सैनिकों को पीछे हटाने का इच्छुक नहीं है। 

सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री कुछ महत्वपूर्ण आधारभूत परियोजनाओं के क्रियान्वयन का निरीक्षण करने के लिए अग्रिम इलाकों का भी दौरा करेंगे। शुक्रवार को सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डबल्यूएमसीसी) की डिजिटल तरीके से बैठक में भारत और चीन गतिरोध वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने के लक्ष्य को पाने के लिए अगले दौर की सैन्य वार्ता करने पर सहमत हुए। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ संवेदनशील क्षेत्रों में वर्तमान में 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं। 

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