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Hindi News भारत राष्ट्रीय ...अब वीरप्पन को मारने वाला यह IPS ऑफिसर लेगा सुकमा नरसंहार का बदला

...अब वीरप्पन को मारने वाला यह IPS ऑफिसर लेगा सुकमा नरसंहार का बदला

सुकमा नक्सली हमले के बाद एक्शन में आई सरकार ने नक्सलियों से निपटने के लिए नई रणनीति तैयार की है। नक्सलियों के खिलाफ अब न सिर्फ ऑपरेशन तेज किए जाएंगे बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक की तरह नक्सलियों के बेस पर टारगेटेट अटैक्स भी किए जाएंगे।

k Vijay Kumar- India TV Hindi k Vijay Kumar

नई दिल्ली: सुकमा नक्सली हमले के बाद एक्शन में आई सरकार ने नक्सलियों से निपटने के लिए नई रणनीति तैयार की है। नक्सलियों के खिलाफ अब न सिर्फ ऑपरेशन तेज किए जाएंगे बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक की तरह नक्सलियों के बेस पर टारगेटेट अटैक्स भी किए जाएंगे। इसका जिम्मा सरकार ने उस अफसर को सौंपा है जिसने तेरह साल पहले तमिलनाडु में चंदन तस्कर वीरप्पन को ढेर किया था। (भारत के इस कदम ने उड़ाया अमेरिका, रूस और चीन के होश...)

जब छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों का नरसंहार किया तो शहीद परिवारों के साथ-साथ पूरे देश से नक्सलियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की मांग उठने लगी ऐसे में हमले के 48 घंटे बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस और सीआरपीएफ के आला अफसरों के साथ एक हाईलेवल मीटिंग की जिसमें ये तय हुआ कि हमले के मास्टरमाइंड हिडिमा और उसके खूंखार साथियों के खात्मे के लिए उसी आइपीएस को मैदान में उतारा जाए, जिसने वीरप्पन जैसे खूंखार तस्कर को मारा था।

लिहाजा रिटायर्ड होने के बावजूद जाबांज के. विजय कुमार को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। हिडिमा के खिलाफ इस ऑपरेशन में विजय कुमार के साथ सीआरपीएफ के एक्टिंग डीजी सुदीप लखटकिया भी होंगे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से खुली छूट मिलने के बाद अब के विजय कुमार सुकमा में 25 जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए कमर कस ली है। उन्होंने राजनाथ से साफ कह दिया है कि जो हाल वे वीरप्पन का कर चुके हैं, वहीं हाल सुकमा में जवानों को मारने वाले नक्सली नेता हिडमा और बाकी नक्सलियों का करेंगे। जब के विजय कुमार को आखिरी बार मिशन वीरप्पन के मोर्चे पर लगाया गया था, तब उन्होंने कसम ले ली थी कि वे जब तक वीरप्पन को पकड़ नहीं लेंगे, तब तक अपने सिर के बाल नहीं मुड़वाएंगे। (इस गांव में शादी से पहले संबंध बनाना है जरूरी, तभी होती है शादी!)

बकौल वियय कुमार-वीरप्पन को मारने के लिए मैं माथा टेकने बन्नारी अम्मान मंदिर पहुंचा था। यहां कमस खाई  कि जब तक वीरप्पन का खात्मा नहीं हो जाता है, तब तक मैं अपने सिर के बाल नहीं मुड़वाऊंगा। वीरप्पन की तलाश में मैं 1994 में पहली बार गया था। 2001 में छह महीने के लिए दूसरी बार आया था। आखिरकार 18 अक्टूबर 2004 को तीन साथियों के साथ तमिलनाडु के धरमपुरी जिले के पपरापत्ति जंगल में जब वीरप्पन मौजूद रहा थो उसे एनकाउंटर में मार गिराने में सफलता मिली।  वीरप्पन का एनकाउंटर करने के बाद हमने बन्नारी अम्मान मंदिर जाकर मुंडन कराया।

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