पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी: राजनाथ सिंह
भारत और चीन के बीच राजनयिक एवं सैन्य स्तर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना के पीछे हटने की प्रक्रिया ‘पूरी हो गई है।’
सलेम (तमिलनाडु): भारत और चीन के बीच राजनयिक एवं सैन्य स्तर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना के पीछे हटने की प्रक्रिया ‘पूरी हो गई है।’ यह बात रविवार को यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कही। उन्होंने भारतीय सेना की बहादुरी पर ‘संदेह’ जताने को लेकर कांग्रेस पर भी प्रहार किया।
रक्षा मंत्री ने यहां भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य सम्मेलन में कहा कि देश अपनी सीमा पर किसी भी तरह की ‘‘एकतरफा कार्रवाई’’ को अनुमति नहीं देगा और इस तरह के प्रयासों को विफल करने के लिए कोई भी कीमत चुकाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘नौ दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के बाद सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। लेकिन दुर्भाग्य से कांग्रेस भारतीय सेना की बहादुरी पर संदेह कर रही है। क्या यह उन सैनिकों का अपमान नहीं है, जो देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं।’’
गलवान में पिछले वर्ष चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। संघर्ष में चीन के सैनिक भी मारे गए थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘‘कभी भी देश की एकता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता से समझौता नहीं किया’’ और ऐसा कभी नहीं करेगी।
चीनी मीडिया का दावा
लद्दाख में LAC को लेकर भारत और चीन के बीच बढ़ा तनाव अब धीरे-धीरे कम होता नजर आ रहा है। चीन के विश्लेषकों ने उम्मीद जताई है कि पैंगोंग के इलाके में पीछे हटने के बाद अब सेनाएं बाकि दूसरे इलाकों में भी पीछे हट सकती है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में यह जानकारी दी है।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, "चीन और भारत के बीच शनिवार को कथित तौर पर हुई 10वें दौर की कोर कमांडर स्तरीय बातचीत के बाद चीनी विश्लेषकों ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी इलाके में हाल ही में पीछे हटने के बाद अब अन्य हॉट स्पोस्ट (तनावपूर्ण इलाकों) में भी पीछे हट (डिसइंगेजमेंट) सकती है।
सिंघुआ विश्वविद्यालय के नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने रविवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि चीन और भारत की सेनाओं द्वारा पैंगोंग त्सो इलाके में दोनों तरफ से डिसइंगेजमेंट किए जाने के बाद कोर कमांडर स्तर की 10वीं वार्ता हुई। जिसका उद्देश्य पिछले समझौते के बाद बचे हुए मुद्दों को हल करना था।
कियान फेंग ने कहा, "गतिरोध का केंद्र बिंदु पैंगॉन्ग त्सो था, जिसे हल करने के लिए सबसे कठिन समस्या भी माना जाता था। कियान फेंग ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि पूर्वोक्त क्षेत्र में सुचारू डिसइंगेजमेंट के बाद अब अन्य स्थानों में भी बिना किसी समस्या के डिसइंगेजमेंट होना चाहिए।