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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारत-चीन सीमा मुद्दे पर राजनाथ सिंह थोड़ी देर में संसद को संबोधित करेंगे

भारत-चीन सीमा मुद्दे पर राजनाथ सिंह थोड़ी देर में संसद को संबोधित करेंगे

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीनी सैनिकों के बीच जारी गतिरोध को लेकर मंगलवार को संसद में एक बयान दे सकते हैं।

Rajnath Singh likely to make statement in Parliament on Sino-India issue- India TV Hindi Image Source : PTI Rajnath Singh likely to make statement in Parliament on Sino-India issue

नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीनी सैनिकों के बीच जारी गतिरोध को लेकर मंगलवार को संसद में एक बयान दे सकते हैं। संसदीय सूत्रों ने यह जानकारी दी। विपक्ष द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा कराये जाने की मांग के बीच यह बयान काफी महत्व रखता है। राजनाथ की हाल में मास्को में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगहे के साथ मुलाकात हुई थी।

कुछ दिन पहले विदेश मंत्री जयशंकर की भी चीन के उनके समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात हुई थी। इस बीच, कैबिनेट और मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की मंगलवार अपराह्न वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठक हो सकती है। सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सोमवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में विपक्ष भारत-चीन मुद्दे, कोविड की स्थिति, आर्थिक शिथिलता और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का कोई मौका छोड़ने के पक्ष में नहीं है।

संसद देश के वीर जवानों के पीछे खड़ी है, यह मजबूत संदेश सदन देगा: पीएम मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विश्वास जताया कि संसद एक स्वर में यह संदेश देगी कि वह हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों के साथ एकजुटता से खड़ी है और ऐसा करना संसद की विशेष जिम्मेदारी भी है। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को दिये अपने बयान में मोदी ने लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि भारतीय सैनिक दु्र्गम पहाड़ी इलाकों में बहादुरी के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। आने वाले समय में तो अब वहां बर्फबारी भी होनी है। 

गतिरोध का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘इस सदन की और भी एक विशेष जिम्‍मेदारी है और खास तौर पर इस सत्र की विशेष जिम्‍मेदारी है। आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डटे हुए हैं, बड़ी हिम्‍मत के साथ, जज्‍बे के साथ, बुलंद हौसलों के साथ दुर्गम पहाड़ियों में डटे हुए हैं और कुछ समय के बाद वर्षा भी शुरू होगी। जिस विश्‍वास के साथ वो खड़े हैं, मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए हैं, ये सदन और, सदन के सभी सदस्‍य एक स्‍वर से, एक भाव से, एक भावना से, एक संकल्‍प से संदेश देंगे- कि सेना के वीर जवानों के पीछे पूरा देश खड़ा है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘संसद और सदस्‍यों के माध्‍यम से पूरा सदन एक स्‍वर से देश के वीर जवानों के पीछे खड़ा है। ये बहुत ही मजबूत संदेश भी ये सदन देगा, सभी सदस्‍य देंगे। ऐसा मेरा पूरा विश्‍वास है।’’ प्रधानमंत्री का यह आह्वान ऐसे समय में आया है जब संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की संभावना है। कुछ विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस, इस मुद्दे पर लगातार सरकार की आलोचना कर रही है। उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी और देश को इसका लाभ मिलेगा। 

उन्होंने कहा, ‘‘इस सत्र में कई महत्‍वपूर्ण निर्णय होंगे, अनेक विषयों पर चर्चा होगी और हम सबका अनुभव है कि लोकसभा में जितनी ज्‍यादा , जितनी गहन , जितनी विविधताओं से भरी चर्चा होती है उतना सदन को भी, विषय-वस्‍तु को भी और देश को भी बहुत लाभ होता है।’’ प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि चर्चा के दौरान सभी सदस्य ‘‘वैल्यू एडिशन’’ करेंगे। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर पैदा हुई विशेष परिस्थिति का जिक्र करते हुए और मोदी ने कहा कि जब तक दवाई नहीं बन जाती, तब तक कोई ढिलाई नहीं बरतनी हैं। हर आवश्यक सतर्कता का सभी को पालन करना है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि बहुत ही जल्‍द से जल्‍द दुनिया के किसी भी कोने से वैक्‍सीन उपलब्‍ध हो। हमारे वैज्ञानिक जल्‍द से जल्‍द सफल हों और दुनिया में हर किसी को इस संकट से बाहर निकालने में हम कामयाब हों।’’ कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण काल में हो रहे संसद सत्र के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक विशिष्‍ट वातावरण में प्रारंभ हो रहा है। ‘‘कोरोना वायरस भी है, कर्तव्‍य भी है और सभी सांसदों ने कर्तव्‍य का रास्‍ता चुना है। मैं सभी सांसदों को इस पहल के लिए बधाई देता हूं, अभिनंदन करता हूं और धन्‍यवाद भी करता हूं।’’ 

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट के चलते ही संसद का बजट सत्र समय से पहले रोकना पड़ा था। लोकसभा और राज्यसभा की बैठकों के समय में हुए परिवर्तन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन अब शनिवार और रविवार को भी बैठेगा जिसे सभी सदस्‍यों ने स्‍वीकार कर ‘‘कर्तव्‍य पथ’’ पर आगे बढ़ने का फैसला किया है।

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