चीन से बात करके पूर्वी लद्दाख में LAC पर मतभेदों को सुलझाने के प्रयास किये जा रहे हैं: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि चीन के साथ वार्ता के जरिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मतभेदों को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं और कुछ जगहों पर सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि चीन के साथ वार्ता के जरिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मतभेदों को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं और कुछ जगहों पर सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सिंह ने देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए कहा कि बदलते परिवेश में सुरक्षा के आयाम लगातार बदल रहे हैं और उन्होंने तीनों सेनाओं से अपने रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा परिदृश्य की पृष्ठभूमि में कहा, ‘‘मैं आपसे किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहने का आह्वान करता हूं, जो आपके सामने आ सकती है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार तैयार है और हमेशा आपकी और आपके प्रियजनों की जरुरतों को पूरा करती रहेगी।’’
सिंह ने कहा कि भारतीय सभ्यता प्राचीनकाल से ही शांतिपूर्ण रही है, लेकिन शक्ति के बिना शांति संभव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर अहिंसा हमारा परम कर्तव्य है, तो राष्ट्र की अखंडता की रक्षा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इसलिए, हम राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए कुछ भी बलिदान करने के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश में शांति और समृद्धि बनाए रखने के लिए, यह आवश्यक है कि आप जल, भूमि या आकाश में कहीं भी हों, राष्ट्र की रक्षा के लिए सतर्क और सजग रहें।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों की सतर्कता और अदम्य वीरता के कारण जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पिछले एक साल से स्थिति नियंत्रण में है।
उन्होंने आकाशवाणी पर प्रसारित अपने संबोधन में कहा, ‘‘फरवरी 2021 से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में भी कमी आई है। सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों की सतर्कता के कारण सीमा पार से घुसपैठ रुकी है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ बातचीत के जरिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मतभेदों को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ जगहों पर सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।’’ दोनों पक्ष पहले ही पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे के आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ गोगरा से भी पीछे हट चुके हैं।
सेना के सूबेदार नीरज चोपड़ा की उपलब्धि का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि उन्होंने तोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इस साल के स्वतंत्रता दिवस को और भी मधुर बना दिया है। सिंह ने कहा, ‘‘सूबेदार नीरज के साथ-साथ अन्य ओलंपिक पदक विजेताओं को कल लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं।’’ सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों को बधाई दी।
उन्होंने कहा, ‘‘देश आज आधी रात से, अपने 75वें वर्ष में, स्वतंत्रता के एक महत्वपूर्ण चरण की शुरुआत कर रहा है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूरे देश में उत्सव का वातावरण है।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार सशस्त्र बल की परिचालन आवश्यकताओं के बारे में हमेशा जागरूक रही है। उन्होंने कहा कि 2021-22 के केंद्रीय बजट में पूंजीगत परिव्यय को 1.13 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.35 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने सशस्त्र बलों को आश्वासन दिया कि सरकार देश की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
भारतीय वायु सेना की ‘‘परिचालन क्षमता’’ को बनाए रखने के लिए राफेल लड़ाकू विमान के अधिग्रहण का जिक्र करते हुए, सिंह ने कहा कि 36 में से 26 विमान पहले ही भारत आ चुके हैं और शेष भी जल्द ही पहुंच जाएंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी) विक्रांत ने आठ अगस्त को अपनी चार दिवसीय पहली समुद्री यात्रा पूरी की और इस युद्धपोत का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ पहल की एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने ‘अग्नि पी’ और कुछ अन्य मिसाइलों के सफल परीक्षण के बारे में भी बात की।