मुंबई: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा शिवसेना नीत सरकार के कोविड-19 महामारी से निपटने के तरीके की आलोचना करते हुए इसे सर्कस करार दिए जाने पर पलटवार किया है। राकांपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 महामारी से निपटने में ‘मुंबई मॉडल’ की प्रशंसा की है।
मुंबई कांग्रेस के नेता चरण सिंह सापरा ने कहा कि लोग जो सर्कस देख रहे हैं उसे केंद्र सरकार कहते हैं और वह उनके (लोगों के) प्रति असंवेदनशील है। उन्होंने कहा, ‘‘इस सर्कस में जोकरों की संख्या अधिक है।’’ मलिक ने सोमवार को महाराष्ट्र के भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित डिजिटल रैली में राजनाथ के संबोधन के संदर्भ में कहा, ‘‘यह हास्यास्पद है कि सरकार, जो खुद रिंगमास्टर (सर्कस के जानवरों को नियंत्रित करने वाला) के हंटर से चल रही है, वह लोकतांत्रिक रूप से चल रही सरकार (महाराष्ट्र सरकार) को सर्कस कह रही है...ऐसा लगता है कि राजनाथ सिंह अपने अनुभवों (मोदी सरकार में एक मंत्री के तौर पर) को साझा कर रहे हैं।’’
उल्लेखनीय है कि सोमवार को महाराष्ट्र के लिए एक डिजिटल रैली को संबोधित कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर महाराष्ट्र की शिवसेना नीत गठबंधन सरकार की आलोचना करते हुए कथित तौर पर कहा था कि ऐसा लगता है कि राज्य में सरकार के नाम पर सर्कस हो रहा है। सापरा ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या कोविड-19 संकट के बीच भाजपा की डिजिटल चुनावी रैलियों को सर्कस कहा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय पर, जब देश में कोविड-19 के मामले एक लाख के पार (वास्तविक संख्या नौ जून तक 2.6 लाख से अधिक है) चले गए हैं, सत्तारूढ़ पार्टी चुनावी रैलियां आयोजित कर जश्न मना रही है। क्या यह सर्कस नहीं है? राज्य सरकार कोरोना वायरस महामारी से मजबूती से लड़ रही है।’’
सापरा ने कहा कि पूरा देश असंवेदनशील केंद्र सरकार के सर्कस को देख रहा है और इस सर्कस में जोकरों की संख्या अधिक है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में आठ जून को कोविड-19 के मामलों की संख्या 88,528 और इससे जान गंवाने वालों की संख्या 3,169 थी। पूरे देश में कोविड-19 के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में हैं।
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