BLOG: पहले इंदिरा गांधी से और अब 'मोदी' से खौफ खाता है पाकिस्तान
भारत में कुछ लोग ऐसे हैं जो सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मीडिया के हवाले से मांग रहे हैं, उनको सिर्फ इतना कहना चाहता हूं जब सेना प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह साफ कर चुकी
भारत में कुछ लोग ऐसे हैं जो सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मीडिया के हवाले से मांग रहे हैं, उनको सिर्फ इतना कहना चाहता हूं जब सेना प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह साफ कर चुकी है कि देश के जवानों ने PoK में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की है तो इस बात पर किसी अन्य प्रकार का सवाल उठाना सही नहीं है। जो हमारी सेना कहती है, करती है वह देश के लिए होता है, इस देश के हर नागरिक की हिफाजत के लिए होता है, ऐसे में किसी भी प्रकार का सवाल उठाना सही बात नहीं है।
सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल मत उठाइए, बल्कि ये सोचिए कि इस देश के लिए आप खुद क्या कर रहे हैं, आपका योगदान क्या है? उड़ी हमलें में शहीद हुए जवानों की शहादत का बदला सेना ने सर्जिकल स्ट्राक करके लिया है, कम से कम इस बात का तो ध्यान रखें। छोटे छोटे गरीब घरों से देश सेवा के लिए अपनी जान की बाजी लगा देने वाले सैनिको की शहादत पर तो सवाल मत उठाइए।
दरअसल भारत में भी कुछ लोग ऐसे हैं जिनके पेट में यह सोचकर दर्द हो रहा है कि मोदी सरकार के इस साहसिक कदम का भाजपा को आने वाले चुनावों में फायदा मिल सकता है, मोदी लहर सुनामी बनकर पंजाब और उप्र के चुनावों में चलेगी और अन्य दल साफ हो जाएंगे। उनको सिर्फ इतना कहता हूं कि जब इस देश के सैनिक के कदम चलते हैं और 56 इंच के सीने और देशभक्ति के जज्बे में जब मां भारती के बेटे हाथ से बंदूक चलाते हैं तो सिंह गर्जना होती है और इससे देश के दुश्मन को जवाब मिलता है। सेना के इस जवाब को राजनीति से मत जोडि़ए क्योंकि सीमा पर हमारे सैनिक देश के लिए खड़ें होते हैं ना कि किसी दल के लिए।
दूसरी बात मोदी सरकार ने जिस अंदाज में सर्जिकल स्ट्राइक की है, वह शानदार है और इससे पाकिस्तान को सबक मिल गया है। चाणक्य नीति कहती है दुष्ट के साथ दुष्टता करनी चाहिए और केंद्र की मोदी सरकार ने भी वहीं किया है, पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब दिया है।
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद से इस देश में जितने भी प्रधानमंत्री हुए सब पाकिस्तान से शांति के लिए बात ही तो करते आ रहे थे, परिणाम क्या निकला? कश्मीर के नाम पर आतंकवाद, भारत पिछले 25 सालों में लगभग 5000 जवानों को इस आतंकवाद के चलते खो चुका है। ऐसे में जब मोदी सरकार आतंक को करारा जवाब देती है,PoK में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करती है तो सवाल क्यों?
सबसे खास बात पीएम मोदी ने अपने साहसिक फैसले से अपनी इमेज दमदार बनाई है यह कुछ कुछ इंदिरा युग की याद दिलाता है, ऐसे में कुछ नेता अगर यह सोचते हैं कि cnn, bbc या पाक मीडिया की कुछ रिपोर्ट का हवाला देकर सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाकर उनको कुछ फायदा हो सकता है तो वो गलत है और उनका यह कदम कम से कम देश के लिहाज से तो ठीक नहीं हैं। जब पाकिस्तान यह कहता है कि कश्मीर उसका है तो क्या उसे जवाब नहीं मिलना चाहिए, जरूर मिलना चाहिए और जिस भाषा में कहता है उसी भाषा में मिलना चाहिए और केंद्र की मोदी सरकार ने वहीं किया है। रुस, दक्षिण कोरिया, अफगानिस्तान, और हमारे पड़ोसी मुल्क भारत के इस साहसिक फैसले की खुलकर तारीफ कर रहे हैं। अमेरिका पाकिस्तान को उसकी हरकतों के लिए डपट चुका है और इस मामलें में तो चीन जैसा देश भी अपनी मांद में जाकर चुप है, क्या यह मोदी सरकार की सफलता नहीं हैं?
(ब्लॉग लेखक राजेश यादव www.khabarindiatv.com के एडिटर हैं)