चेन्नई। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सात दोषियों में से एक रॉबर्ट पायस को मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को 30 दिन की पैरोल प्रदान कर दी। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति आरएमटी टीका रमण की खंडपीठ ने पायस की याचिका पर यह आदेश दिया। पायस ने याचिका में बेटे तामिल्को के विवाह की तैयारी के लिए पैरोल मांगी थी।
पायस को 25 नवंबर से 24 दिसंबर तक के लिए सशर्त पैरोल दी गई है। पीठ ने चंद्रशेखरन नाम के एक व्यक्ति द्वारा दिए गए उस हलफनामे का भी संज्ञान लिया जिसमें उसने कहा है कि वह पायस को अपने घर में रहने की सुविधा देगा और उसका घर शहर के नीलनकराई पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित है। उसने सितंबर में याचिका दी थी।
इसमें उसने कहा था कि वह 16 अगस्त 1991 से जेल में बंद है और वह 28 वर्ष से अधिक के कारावास की सजा काट चुका है। इसमें उसने यह भी कहा कि जेल में उसका आचरण अच्छा रहा है और इस अवधि में उसने तमिलनाडु सजा निलंबन नियम, 1982 के तहत प्रदत्त आपात अथवा साधारण अवकाश का भी उपयोग नहीं किया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने अगस्त में उप महानिरीक्षक (कारागार) के समक्ष एक प्रतिवेदन दिया था लेकिन 40 दिन बाद भी उसके द्वारा किये गए अनुरोध पर कोई प्रगति नहीं होने के बाद उसे अधिकारियों को 30 दिन के पैरोल देने का निर्देश देने के लिये यह याचिका दायर करने पर बाध्य होना पड़ा।
पीठ ने दोषी को निर्देश दिया कि वह जेल नियमावली के नियम 25 के अनुपालन में जमानत राशि भरे और जेल अधिकारियों को अपने रहने के स्थान का विवरण भी उपलब्ध कराए। यह काम उसे आदेश प्राप्त होने के एक हफ्ते के अंदर करना होगा।
पीठ ने कहा कि अधिकारियों द्वारा सत्यापन किये जाने के बाद पायस को 30 दिनों के लिये साधारण अवकाश दिया जाए। इसकी शर्तों में पायस के मीडिया, राजनीतिक दलों या जाने-माने लोगों से बातचीत करने पर पाबंदी है। इसके अलावा उसे हलफनामा देना होगा कि वह अच्छा आचरण रखेगा और लोक शांति को भंग नहीं करेगा।
जुलाई में अदालत ने मामले की एक अन्य दोषी नलिनी को एक महीने की पैरोल दी थी। उसने अपनी बेटी की शादी की तैयारी करने के लिए पैरोल मांगी थी। तमिलनाडु में 21 मई, 1991 को एक चुनाव रैली के दौरान एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पायस के अतिरिक्त छह लोग मुरुगन, संथन, पेरारिवलन, एस जयकुमार, रविचंद्रन और नलिनी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
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