अब ट्रेन में मिलेंगी हवाई जहाज सी सुविधाएं
लेकिन इन ट्रेनों के संचालन से पूर्व, पहले से चलने वाली शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में कई बदलाव किए जाएंगे। सबसे पहले इसके इंटीरियर डिजाइनिंग में बदलाव किया जाएगा जिसमे करीब 50-50 लाख की लागत लगेगी।...
नई दिल्ली: रेल प्रबंधन अपनी तेजस ट्रेनों का संचालन अक्टूबर में शुरु करने जा रहा है। लेकिन इन ट्रेनों के संचालन से पूर्व, पहले से चलने वाली शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में कई बदलाव किए जाएंगे। सबसे पहले इसके इंटीरियर डिजाइनिंग में बदलाव किया जाएगा जिसमे करीब 50-50 लाख की लागत लगेगी।
राजधानी और शताब्दी दोनों ही ट्रेनों में पहले चरण में अटेंडर कॉल स्वीच और एलईडी जैसे अहम बदलाव किए जाएंगे। ट्रेन के कोच में यह बदलाव करने के लिए रेलवे बोर्ड ने कपूरथला, चेन्नई, भोपाल और रायबरेली कोच फैक्ट्री के इंजीनियरों को यह काम सोंपा है। (ईद के मौके पर CM योगी नहीं पहुंचे ईदगाह, अखिलेश ने उठाया सवाल)
नई तकनीक का होगा इस्तेमाल
दोनों ही ट्रेनों में चेयरकर कोच में सीटों को एडजेस्टेबल बनाया जाएगा। नई तकनीक का इस्तेमाल कर इसमें हाइड्रोलिक सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे सभी यात्री अपनी सुविधा के हिसाब से सीट पर बैठ कर अपने हिसाब से उसकी ऊंचाई को तय कर पाएंगे। लेकिन अब इन सीटों को यात्री केवल आगे और पीछे ही कर पाएंगे।
इतना ही नहीं, इन सभी कोच में प्रत्येक सीट के सामने एक 17 इंच की एक एलईडी लगाई जाएगी। इस एलईडी स्क्रीन पर यात्री ट्रेन का रनिंग स्टेटस, स्टॉपेज और स्पीड के बारें में जान पाएंगे।
इस एलईडी पर इसके साथ कई मनोरंजन के कार्यक्रम भी दिखाए जाएंगे। ट्रेन के सभी यात्री ट्रेन में फ्री वाई- फाई का भी मज़ा ले पाएंगे। (श्रीनगर हमले का लाहौर कंट्रोल रूम, पाकिस्तान को बेनकाब करने वाला VIDEO)
दोनों ट्रेनों को विमान की तरह ही हाईटेक बनाने के लिए हर सीट पर अटेंडर कॉल स्वीच भी लगाए जाएंगे। जिसके कारण किसी भी यात्री को ज़रुरत के समय कोच अटेंडर को ढ़ुंढ़ने के लिए कहीं जाने की आवश्यक्ता नहीं पड़ेगी वह केवल एक कॉल पर उसे बुला सकेंगे। इसके साथ ही प्रत्येक बर्थ के उपर एलईडी लाइट भी लगाई जाएगी।
और क्या है खास
. ट्रेन के हर कोच के गेट के उपर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा, जिससे चोरी, लुटपाट जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों की पहचान हो पाएगी।
. कोच में कॉफी की सुविधा के लिए कॉफी वेंडिग मशीन भी लगाई जाएगी।
. नई तकनीक का इस्तेमान, ट्रेन के डोर सिस्टम में भी दिखाई देगा। इसे पूरी तरह से ऑटोमेटिक कर दिया जाएगा।
. फायर रिप्रेशन सिस्टम इंस्टोल किया जाएगा।
. हर कोच में बायो वेक्यूम टॉयलेट भी लगाए जाएंगे।
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