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Hindi News भारत राष्ट्रीय ‘टाना भगतों’ ने झारखंड के टोरी में रेल ट्रैक जाम किया, राजधानी और 70 से अधिक मालगाड़ियां फंसी

‘टाना भगतों’ ने झारखंड के टोरी में रेल ट्रैक जाम किया, राजधानी और 70 से अधिक मालगाड़ियां फंसी

अधिकारी ने बताया कि फंसी हुई मालगाड़ियों में दिल्ली समेत देश के अनेक हिस्सों में बिजली संयन्त्रों के लिए जाने वाले कोयले के रेक्स भी शामिल हैं।

Tana Bhagat, Tana Bhagat Rajdhani Express, Rajdhani Express Jharkhand, Goods Train Tana Bhagat- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL नई दिल्ली से रांची और हावड़ा के रेल मार्ग पर चलने वाली 70 से अधिक मालगाड़ियां भी बुधवार शाम से बाधित हो गई हैं।

लातेहार: झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड के टोरी जंक्शन रेलवे स्टेशन पर महात्मा गांधी के अनुयायी ‘टाना भगतों’ ने भूमि कानूनों में अपने हितों के अनुसार बदलाव की मांग के साथ अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी कर रेल मार्ग जाम कर दिया है। रेलवे अधिकारी का कहना है कि इस कारण गुरुवार सुबह से ही जहां रांची जा रही राजधानी एक्स्प्रेस ट्रेन डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर रुकी हुई है, वहीं नई दिल्ली से रांची और हावड़ा के रेल मार्ग पर चलने वाली 70 से अधिक मालगाड़ियां भी बुधवार शाम से बाधित हो गई हैं।

क्या है टाना भगतों की मांग?
अधिकारी ने बताया कि फंसी हुई मालगाड़ियों में दिल्ली समेत देश के अनेक हिस्सों में बिजली संयन्त्रों के लिए जाने वाले कोयले के रेक्स भी शामिल हैं। धनबाद रेल मंडल के बरकाकाना स्थित मंडल यातायात प्रबंधक मनीष सौरभ ने बताया कि झारखंड के गुमला और आसपास के जिलों के रहने वाले आदिवासी टाना भगतों ने भूमि कानून छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम में संशोधन और वनों पर अपने अधिकार की मांग को लेकर बुधवार शाम से टोरी जंक्शन पर धरना प्रारंभ कर दिया जिससे बरकाकाना-बरवाडीह रेल खंड पर रेल यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।

राजधानी पर भी लगा ब्रेक
मनीष सौरभ ने बताया कि नई दिल्ली से रांची जा रही राजधानी एक्स्प्रेस डाउन 02454 को डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर सुबह साढ़े पांच बजे से रोक लिया गया, रांची जाने वाले लगभग 750 यात्री फंसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि इन यात्रियों को अब सड़क मार्ग से उनके गंतव्य भेजने की व्यवस्था का प्रयास किया जा रहा है। सौरभ ने बताया कि टाना भगतों के धरना के चलते बुधवार की शाम से 70 से अधिक मालगाड़ियां जहां तहां रुकी हैं जिनसे दिल्ली, पंजाब समेत देश के विभिन्न हिस्सों में विद्युत उत्पादक संयंत्रों के लिए आवश्यक सामान के साथ कम से कम तीन दर्जन रेक कोयले भी भेजे जा रहे थे।

रेलवे को हुई भारी आर्थिक क्षति
उन्होंने बताया कि इस तरह के धरने से जहां कोयले के यातायात पर बुरा प्रभाव पड़ा है वहीं रेलवे को भारी आर्थिक क्षति भी हुई है। इस बीच झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने बताया कि लातेहार में रेलवे ट्रैक पर टाना भगतों के धरने के बाद लातेहार के उपायुक्त जीशान कमर को उनसे बातचीत के लिये मौके पर भेजा गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जल्दी ही मामला सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेलवे के शीर्ष अधिकारी उनके संपर्क में हैं और मामले के हल के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

यात्रियों के लिए हो रहे इंतजाम
कमर ने बताया कि वह अपने अधिकारियों के साथ मिलकर आंदोलनकारियों से बातचीत कर रहे हैं और मामले को जल्द ही हल कर लिया जाएगा। इस बीच रांची के मंडल रेल प्रबंधक नीरज अंबष्ट ने बताया कि राजधानी ट्रेन में फंसे यात्रियों को रांची और उनके अन्य गंतव्य तक पहुंचाने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं और उन्हें डाल्टनगंज में खाना-पानी भी दिया गया।

कौन हैं टाना भगत?
टाना भगत महात्मा गांधी के अनुयायी हैं और उन्होंने आजादी के पहले उनके साथ विभिन्न  आंदोलनों में भाग लिया है। वे तमाम आंदोलनों में महात्मा गांधी के साथ रहे चाहे वह नमक आंदोलन हो या असहयोग आंदोलन।टाना भगत महात्मा  गांधी की तरह खादी पहनते हैं और चरखा चलाते हैं। एक और खास बात है कि ये खुद का बनाया खाते हैं और किसी दूसरे का बनाया खाना नहीं लेते। बताया जाता है कि जब टाना भगत आंदोलन प्रारंभ हुआ था तो उसे दबाने के लिए अंग्रेजों ने इनकी जमीन नीलाम कर दी थी। टाना भगत आज भी अपनी जमीन वापस करने की मांग को लेकर अहिंसक आंदोलन करते रहते हैं। (अधिकांश इनपुट्स भाषा से)

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